नहीं हो रहा कचरे का उठाव, जिम्मेवार मौन
सीधी
शहर को साफ और स्वच्छ रखने के नाम पर हर वर्ष नगर पालिका द्वारा करोड़ों रूपये खर्च किया जा रहा है उसके बावजूद भी शहर कचरों के ढेर से पटा पड़ा है। शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर नगर पालिका के जिम्मेवार अमले की लापरवाही को बयां कर रहे हैं। इसके चलते नगर पालिका का स्वच्छता रैंकिग में फिसड्डी होना तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद द्वारा शहर को साफ और स्वच्छ रखने का झूठा दावा किया जा रहा है। इसके लिए शासन से मिलने वाली करोड़ों रूपये की राशि को मनमानी खर्च भी किया जा रहा है। इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी शहर में गंदगी के ढेर लगे हैं जिनका उठाव तक नहीं कराया जाता। ऐसे में स्पष्ट है कि नगर पालिका परिषद का जिम्मेवार अमला शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। सूत्रों का तो यह कहना है कि शासन से आने वाली राशि को जिम्मेवारों द्वारा मनमानी बंदरबाट कर लिया जाता है। इसी के चलते शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। शहर वासियों का कहना है कि उनके वार्डों में नियमित रूप से सफाई कर्मी झाड़ू लगाने नहीं आते। जिसके चलते कचरे का ढेर यत्र-तत्र लगा रहता है। अर्थात डम्प कचरे का उठाव तक नहंी कराया जाता। ऐसे में गंदगी का आलम यह है कि तमाम तरह की गंभीर बीमारियां भी पनप रही हैं। लेकिन इस ओर नगर पालिका के जिम्मेवारों का ध्यान नहीं जा रहा है। बताते हैं कि जितने सफाई कर्मी रजिस्टर में दर्ज हैं, उतने सफाई कर्मी काम पर नहीं आते। अर्थात कई दर्जन सफाईकर्मी ऐेसे जो घर बैठे अपनी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज कराकर वेतन ले रहे हैं। हालाकि इसमें सफाई दरोगाओं द्वारा सफाई कर्मियों को खुली छूट दी गई है। इसके बदले में वार्ड स्वच्छता प्रभारी द्वारा सफाई कर्मियों से मोटी रकम वसूली जा रही है। यही वजह है कि शहर गंदगी से पटा पड़ा है। चारो तरफ फैली गंदगी शहर की दुर्दशा को प्रमाणित कर रही है। बता दें कि शहर का ऐसा कोई कोना नहीं, जहां गंदगी के ढेर न लगे हों, उसके बावजूद जिम्मेवारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।