औरंगाबाद: अतिक्रमण की चपेट में हाई स्कूल चिल्हकी- अम्बा का खेल मैदान।

खेल मैदान पर अतिक्रमणकारियों का हैं कब्जा, वहीं खेल ग्राउण्ड का बद से बदतर हैं हलात,फिर भी सीओ मुकदर्शक हैं,आखिर क्यो?

समाज जागरण, महेश शर्मा संवाददाता

औरंगाबाद (बिहार) 11 फरवरी 2023 :- कुटुंबा प्रखंड के चिल्हकी -अम्बा हाई स्कूल का खेल मैदान पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा कायम हैं और अतिक्रमणकारी सर पर चढ़कर बोल रहें है ,इसकी चिंता ना तो मुख्यालय में बैठे बड़े अधिकारी को हैं और ना ही यहां के जनप्रतिनिधियों को हैं, अगर बात करें तो कुटुंबा प्रखंड के खेल प्रतियोगिता के साथ-साथ बड़े-बड़े संस्कृतिक कार्यक्रम चाहे वह अम्बे महोत्सव हो या बड़े नेता के आगमन, इसी ग्राउंड पर होता है ,परन्तू इस ग्राउंड को अतिक्रमण से बचाने में किसी अलाधिकारी या स्थानीय अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कोई रूची नहीं है, आखिर क्यों ?

वही हाई स्कूल चिल्हकी अम्बा के खेल ग्राउंड में विगत 30 -35 वर्षों पहले बनाए गए स्टेजपर सांस्कृतिक कार्यक्रम आज भी होता ,इतनी लंबी अवधि बित जाने के बावजूद भी स्टेज का कभी कोई मरम्मती नहीं कराया गया और ना ही इस स्टेज के बारे में प्रखंड में बैठे पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को ध्यान हैं। क्या इस ग्राउंड के लिए कोई फंड नही हैं,आखिर क्यों यह सवालिया निशान खड़ा करता है?

कुटुंबा प्रखंड मुख्यालयअम्बा यह इकलौता खेल मैदान है। आये दिन यहाँ प्रखंड स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता के अलावे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कराने का मात्र एक ग्राउंड है ,मगर इस ग्राउंड पर न तो बीडीओ, सीओ का ध्यान है और न ही प्रखंड प्रमुख का ध्यान है। खेल ग्राउंड के बदहाल स्थितियों के लिए बीते दिनों अम्बे क्लब की टीम एवं खिलाड़ियों ने प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार काजमकर विरोध किया था और प्रखंड प्रमुख के फंड के द्वारा ग्राउंड में मिट्टी भरवाकर लाखों की लूट की जाँच का माँग भी किया था। खिलाड़ियों द्वारा सीधे तौर पर प्रखंड प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि प्रमुख द्वारा फिल्ड ग्राउण्ड में कंकड़ वाला मिट्टी भरवाकर ग्राउंड का हाल बद से बदतर करा दिया गया है।

बीते दिनों 2023 में मां सतबहिनी महोत्सव के आयोजन के समय हाई स्कूल चिल्हकी अम्बा के खेल ग्राउंड का अतिक्रमण को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ था और उमीद जगी थी कि महोत्सव के ठीक बाद फील्ड का नापी कराकर फिल्ड को अतिक्रमण मुक्त करा दिया जाएगा, मगर महोत्सव खत्म होते ही प्रखंड के पदाधिकारी मुकदर्शक बन के रह गए और किए गए वादे कागज के पन्नों में सिमट कर रह गईं।

हाल ही में इस मैदान में सांसद खेल महोत्सव का आयोजन भी किया गया था लेकिन सांसद महोदय ने इस अतिक्रमण पर संज्ञान लेना उचित नही समझा है। यही दौर चलता रहा तो एक दिन मैदान सिर्फ नक्शे में रह जायेगा।