डीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे पति-पत्नी, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

आगरा। जगदीशपुरा थाना पुलिस एक बार फिर विवादों में है। इस बार जगदीशपुरा पुलिस पर एक दंपत्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। यह दंपति इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है जो इंसाफ के लिए आगरा जिला मुख्यालय पहुंचा था। जिला मुख्यालय में इस दंपत्ति ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का बैनर लगाया और फिर टीन शेड के नीचे धरने पर बैठ गया। महिला के हाथ में एक छोटा सा बैनर था। जो भी इस बैनर को देख रहा था।

वह उसे दंपति के पास उसकी समस्या जानने जरूर पहुंच रहा था। इस बैनर पर लिखा था “अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल थाना जगदीशपुरा पुलिस की दरोगा पंकज कुमार मिश्रा शक्ति राठी व उनके अन्य सहयोगियों द्वारा दलित परिवार का मानसिक शारीरिक शोषण को रोकने हेतु शासन द्वारा सुनवाई न करने के कारण अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर पीड़ित परिवार” पीड़ित दंपति की धरने पर बैटिंग सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और दंपति को धरने के लिए शहीद स्मारक जाने को कह दिया।

जगदीशपुरा पुलिस ने नहीं लिखा मुकदमा तो कमिश्नर के पास पहुंचे पीड़ित

मामला जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के नगला अजीता का है। पीड़ित दंपत्ति का नाम सुरेश पारस और सुंदरीका पारस है। पीड़ित दंपति ने बताया कि उनके मकान मालिक से उनका विवाद चल रहा है। इसी के चलते बीते 25 फरवरी 2023 को मकान मालिक महादेव और शूटर विनय प्रताप उर्फ बीपी उनकी अनुपस्थिति में घर में घुस आए। धरने पर बैठे पति ने बताया कि आरोपियों ने उसकी पत्नी के साथ मारपीट करते हुए जहरीला पदार्थ मुंह में डालकर घर से बाहर निकाल दिया और सामान भी फेंक दिया।

इस पर वह शिकायत करने जगदीशपुरा थाने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। पीड़ित ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि पुलिस भी इस मामले में संलिप्त थी, इसलिए मामले में मुकदमा भी नहीं लिखा गया। लगभग चार माह अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद एडिशनल सीपी ने सारे तथ्यों को देखा और उनके कहने पर मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन जो मुकदमा लिखाया गया उसमें से जाति सूचक शब्द कहने की लाइन को ही हटा दिया गया और मामला हल्का कर दिया गया।

आखिर पीड़ित दंपति की मदद क्यों नहीं कर सकी पुलिस?

पीड़ित ने बताया कि उनके साथ जो घटनाक्रम हुआ और पुलिस ने उनकी मदद नहीं की, क्योंकि इस पूरे खेल में थाने के दो दरोगा भी शामिल है जिनके खिलाफ न्यायालय के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया और पुलिस के अधिकारियों ने उनके मामले की जांच पड़ताल भी उन्हीं को दे दी जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था ऐसे में उन्हें कैसे इंसाफ मिलेगा।

पीड़ित ने बताया कि जबरन उनके घर का सामान बाहर फेंकने के दौरान कुछ जरूरी कागजात भी दबंग ले गए और वो कागजात थाने के दरोगा के पास थे जिनका इस्तेमाल उन्हीं के खिलाफ झूठे मुकदमें के लिए किया जा रहा है पुलिस ने आरोपी महादेव से सांठ-गांठ करके फर्जी हस्ताक्षर करके उनका कागजों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखने का किया ऐलान

पीड़ित का कहना है कि वह अब इंसाफ पाने के लिए भागदौड़ करके थक चुके है। आए दिन उन्हें दबंगों की ओर से जान से मारने की धमकी मिल रही है। पीड़ित का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वह अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे और अपने अनिश्चितकालीन धरना भी जारी रखेंगे।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट