शासन के मंशा के विपरीत जारी है चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली

राजनगगर- आरटीओ चेक पोस्ट के माध्यम से प्रदेश भर में अवैध वसूली पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने गत वर्ष प्रदेश के समस्त परिवहन चेक पोस्टों को बंद कर दिया था,परंतु बाद में अपने आदेश को संशोधित करते हुए कुछ शर्तों के आधार पर चेकिंग पॉइंट बनाकर चेकिंग किए जाने का प्रावधान शासन ने किया है,परंतु इन चेकिंग पॉइंटों के माध्यम से अनूपपुर जिले में जमकर परिवहन विभाग के द्वारा अवैध वसूली की जा रही है,मोटर मालिकों से ₹3500 से ₹5000 तक की अवैध वसूली मंथली के रूप में की जा रही है, साथ ही अन्य प्रकार की कई गड़बड़ियां और अवैध वसूली भी की जा रही है,जिससे मोटर मालिक त्रस्त है,ज्ञात हो कि अनूपपुर जिले के आरटीओ चेकिंग पॉइंट अनूपपुर -1 (पुराना परिवहन चेक पोस्ट रामनगर तिराहा ) एवं आरटीओं चेक पॉइंट अनूपपुर -2 (पुराना आरटीओ चेकपोस्ट वेंकट नगर) में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा निर्धारित/आदेशित चेक पॉइंट से दूर जाकर वाहनों की चेकिंग करके अवैध रूप से प्रति माह एक गाड़ी से 3500 से ₹5000 तक की अवैध वसूली इंट्री के रूप में की जाती है साथ ही रात्रि कालीन वाहनों की चेकिंग भी की जाती है,जो नियमों के विरुद्ध है,उपरोक्त चेकिंग पॉइंटों में पदस्थ अधिकारियों एवम कर्मचारियों के द्वारा अनावश्यक रूप से वाहन मालिकों को परेशान,प्रताड़ित और अवैध वसूली किया जा रहा है, जिसके सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
वंही दूसरी तरफ शहडोल उड़नदस्ता में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा भी संभाग के अंतर्गत जहां मन वंहा वाहन चेकिंग लगाकर अवैध वसूली की जा रही है,रात्रि कालीन वाहनों की चेकिंग भी की जाती है,जो नियमों के विरुद्ध है साथ ही अनावश्यक रूप से वाहन मालिकों को विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा परेशान,प्रताड़ित और अवैध वसूली किया जा रहा है,जिससे सरकार की भी छवि धूमिल हो रही है।
प्राप्त जानकारी जे अनुसार चेक प्वाइंटों पर कार्य के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन भी इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा नहीं किया जाता है,ड्यूटी के दौरान अधिकारी/कर्मचारी निर्धारित वर्दी में भी कई बार नहीं रहते हैं,साथ ही एसओपी के अन्य कई मापदंडों का भी पालन इनके द्वारा नहीं किया जा रहा है।
10 फरवरी को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा भेड़वानाला के पास विभाग के द्वारा चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी जो वाहन स्वामी इनके मन मुताबिक इनको पैसे अवैध इंट्री का नहीं देते है उस वाहन पर विभाग के कर्मचारी बैठकर कुछ दूर तक जाते हैं और जब तक सौदा तय नहीं हो जाता है तब तक बिना अवैध इंट्री वसूल किये गाड़ी को नहीं छोड़ते हैं,कई वाहनों से इंट्री ना मिलने पर यह बड़ी कार्यवाही की धमकी देकर बड़े पैमाने पर अवैध उगाही कर रहे हैं।
परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जांचकरा कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है,ताकि अवैध वसूली पर अंकुश लग सके और शासन के मंशा के अनुरूप जनता को लाभ मिल सके साथ ही अवैध वसूली से निजात मिल सके।
जब इस संबंध में प्रभारी अधिकारी के. के. गोस्वामी उप निरीक्षक परिवहन विभाग से चर्चा की गयी तो उनका कहना था कि मैं यहां गाड़ी की चेकिंग कर रहा हूं, क्या दिक्कत है बताइये आप लोगों को,वाहनों का कागज चेक कराने में क्या दिक्कत है।

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