तहसील संवाददाता शिव प्रताप सिंह/ दैनिक समाज जागरण
ओबरा/ सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों ने देश में पत्रकारिता की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सीतापुर में दैनिक जागरण पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। घटना ने इस बात को और उजागर किया है कि सच बोलने की कीमत कितनी भारी पड़ सकती है। रविवार को पत्रकार कार्यालय में एकजुट होकर मृतक पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखा। संयुक्त वरिष्ठ पत्रकार राम प्यारे सिंह, कहा कि यह केवल एक की हत्या नहीं है, बल्कि सच बोलने की आवाज को दबाने की कोशिश है। जब देश में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ही सुरक्षित नहीं है। तो आम जनता की सुरक्षा की बात करना कितना उचित है। इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। पत्रकार अजीज सिंह ने कहा, हमारे देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत है। सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की निर्मम हत्या और छत्तीसगढ़ के पत्रकार राकेश चंद्रकार को जान से मार दिया गया है और लोगो को दिखा दिया है कि सच्चाई बोलने की कीमत कितनी भारी होती है। देश में पत्रकारों के सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए एक सख्त कानून बनाए जाने की मांग कि गई,
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत का स्थान 180 देशों में से 161वां है, जो दर्शाता है कि देश में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियां हैं। यही स्थिति अगर रही तो दिन प्रतिदिन और बद से बदतर होती जाएगी, यह वाक्य दर्शाता है कि पत्रकारों पर हो रहे हमलों और धमकियों की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और अगर इस पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।लोकतंत्र का गला घुटता जाएगा, यह एक शक्तिशाली रूपक है जो दर्शाता है कि प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा लोकतंत्र के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। जब पत्रकारों को चुप कराया जाता है, तो लोकतंत्र कमजोर होता है और लोगों को सच जानने का अधिकार नहीं रहता। ईमानदारी से काम करने वाले लोगों को अंतत अपने प्राणों से हाथ धोना ही पड़ता है, यह वाक्य पत्रकारों के सामने मौजूद खतरे को उजागर करता है। यह दर्शाता है कि जो पत्रकार सच बोलने का साहस दिखाते हैं, उन्हें अपनी जान का जोखिम उठाना पड़ता है। इस दौरान शोक सभा में सुरेंद्र सिंह, आलोक गुप्ता, अजीत सिंह, अरविन्द कुशवाहा, कुमधज चौधरी, राम प्यारे सिंह, हरिओम विश्वकर्मा, कमाल अहमद, अनिकेत श्रीवास्तव, विकाश कुमार, शिव प्रताप सिंह, राकेश अग्रहरी, अनिकेत श्रीवास्तव, सन्तोष साहनी, कृपा शंकर पाण्डेय, कन्हैया केशरी, आदि मौजूद रहे।