जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों का होगा आंतरिक मूल्यांकन, दूर होगी चिह्नित कमियां

अररिया ।

सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने व उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसमें कायाकल्प, एनक्वास प्रमाणीकरण की प्रक्रिया प्रमुख है। गौरतलब है कि सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों का संचालन राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक यानी एनक्वास के निर्धारित मानकों के अनुरूप संचालित किये जाने को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी पहल की जा रही है। वहीं जिले का सिकटी सीएचसी लगातार तीन बार कायाकल्प योजना को लेकर जारी राज्यस्तरीय रैकिंग में शामिल होकर पुरस्कृत हो चुका है। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग कायाकल्प व एनक्वास के निर्धारित मानकों के अनुरूप जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन सुनिश्चित कराने के प्रयासों में जुटा है। प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से विभागीय स्तर से सभी स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्याकंन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ताकि संस्थागत कमियों को चिह्नित करते हुए इसे तत्काल दूर किया जा सके। इससे प्रमाणीकरण की प्रक्रिया आसान होगी। साथ ही राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.

चिह्नित कमियों को दूर करने का होगा प्रयास

डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया मई माह के अंत तक पूरा किया जाना है. मूल्यांकन के दौरान मिली कमियों को चिह्नित करते हुए इसके ससमय निष्पादन को लेकर विस्तृत कार्ययोजना संबंधी रिपोर्ट मूल्यांकन कर्ता तय समय सीमा के अंदर जिला स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध को उपलब्ध करायेंगे. ताकि इसकी गहन समीक्षा करते हुए चिह्नित कमियों को दूर करने के लिये साकारात्मक पहल किया जा सके।