झाड़ग्राम: सिंदूर खेला के साथ नाम आंखों से मां दुर्गा की दी गई विदाई

बिभूति भूषण भद्र दैनिक समाज जागरण झाड़ग्राम जिला संवाददाता

▫️ महिलाएं देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पण कर देती है विदाई, एक दूसरे को भी लगाती हैं सिंदूर

झाड़ग्राम जिले के शहरी एवं ग्रामीण पूजा पंडालो में मंगलवार को विजयदशमी पर सुहागिन महिलाओं ने परंपरा के अनुसार देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पण कर विदाई दी। साथ ही देवी मां को अगले साल फिर आने का आमंत्रण दिया।इस दौरान मां दुर्गा के सामने एक शीशा रखा जाता है। जिसमें माता के चरणों के दर्शन होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है। फिर सिंदूर खेला शुरू होता है। जिसमें महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागन रहने की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा की विदाई के समय देवी वरण की प्रथा निभाई जाती है। हाथों में सिंदूर प्रसाद समेत अन्य सामग्रियों के साथ महिलाएं कतारबद्ध होकर पान के पत्तों एवं पूजन सामग्रियों से मां दुर्गा की वरण करते हैं। और माता के पैर छूकर प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सिंदूर खेला रस्म में सभी महिलाओं ने एक दूसरे के गालों पर भी सिंदूर लगाया। बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाले विजयदशमी पर पर मां दुर्गा की प्रतिमा को विदा करने से पहले सिंदूर खेलने की परंपरा है।