अब तक 10 वीएल और 2 पीकेडीएल मरीज मिले, अभियान 6 दिसंबर तक जारी रहेगा
अररिया ।
जिले में कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 27 नवंबर से शुरू होकर आगामी 06 दिसंबर तक चलेगा और जिले के सभी 08 प्रखंडों में चलाया जा रहा है, जिसमें सिकटी प्रखंड को 제외 किया गया है। अभियान के तहत चिन्हित प्रखंडों के 68 गांवों में लगभग 11,960 घरों में संभावित कालाजार रोगियों की पहचान की जाएगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ता प्रत्येक घर में जाकर कालाजार से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित कर, उन्हें नजदीकी पीएचसी में जांच और इलाज के लिए प्रेरित करेंगी।
अभियान में 76 आशा कार्यकर्ताओं और 64 फैसिलिटेटरों की भागीदारी
इस अभियान में 76 आशा कार्यकर्ता और 64 आशा फैसिलिटेटर कार्यरत हैं। वीबीडीसीओ राम कुमार ने बताया कि रोगी खोज अभियान की सफलता के लिए सभी कर्मियों को पूर्व में जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है। फैसिलिटेटर आशाओं द्वारा किए गए कार्यों की निगरानी करेंगे, जबकि प्रखंडों के वीबीडीएस रोगों का सत्यापन करेंगे और मरीजों की आवश्यक जांच कराएंगे। प्रखंड सामुदायिक समन्वयक सभी गतिविधियों की मॉनीटरिंग करेंगे और जिला स्तर पर रिपोर्ट भेजेंगे।
लक्षणों के आधार पर चिन्हित किए जाएंगे मरीज
इस अभियान के तहत बुखार से पीड़ित मरीजों को चिन्हित किया जाएगा, जो 15 दिन या उससे अधिक समय से बुखार से ग्रसित हैं और एंटीबायोटिक दवा के बावजूद ठीक नहीं हो रहे। इसके अलावा भूख में कमी, पेट का बढ़ा आकार, वजन में गिरावट और शरीर पर चकते का निशान वाले मरीजों को भी चिन्हित किया जाएगा और उनका इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
अब तक 10 वीएल और 2 पीकेडीएल मरीज मिले
वर्ष 2023 में अब तक जिले में 10 वीएल (विसरल लिसमेनियासिस) और 2 पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डर्मल लिसमेनियासिस) के मामले सामने आए हैं। भरगामा, फारबिसगंज, जोकीहाट और रानीगंज प्रखंडों में वीएल के मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि भरगामा और फारबिसगंज प्रखंडों में 1-1 पीकेडीएल मामले भी सामने आए हैं।
कालाजार के मामलों में निरंतर गिरावट, जिले को कालाजार मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास जारी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार के मामलों में लगातार गिरावट आई है और इसे पूरी तरह से समाप्त करने के लिए विभागीय प्रयास जारी हैं। वर्ष 2007 में जहां जिले में कालाजार के 3937 मामले थे, वहीं 2022 में यह घटकर 17 वीएल और 5 पीकेडीएल तक पहुंच गए। 2023 में अब तक वीएल के 5 और पीकेडीएल के 1 मरीज मिले हैं। यह गिरावट कालाजार के नियंत्रण में किए गए उपायों का परिणाम है।