कार्यपालन यंत्री और संभागीय लेखाधिकारी के कार्यप्रणाली की हो जांच
अजाक थाना, कलेक्टर, आयुक्त से लेकर पीएमओ तक पहुंची विभाग की शिकायत
फोटो क्रमांक- 01,02,03
इन्ट्रो- निविदा के नियत व शर्तो के विपरीत कार्य करते हुए ठेकेदारो को लाभ पहुंचाने की नीयत से कार्य किया जा रहा है। विकास के लिए दी गई राशि का उपयोग निजी हित के लिए किस तरह से किया जाये, इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है, इसी योजना के तहत् कार्यपालन यंत्री डीके कोष्टा व संभागीय लेखाधिकारी नंदकिशोर के द्वारा कार्य किया जा रहा है।
अनूपपुर। लोक निर्माण विभाग के कार्यो में की जा रही लापरवाही और भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले अधिकारियों की शिकायते लगातार बढती ही जा रही है। कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्टा, संभागीय लेखाधिकारी नंदकिशोर कुमार व अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग अनूपपुर एवं राजेेन्द्रग्राम दिवाकर प्रसाद द्विवेदी के द्वारा विभागीय ब्यूहरचना रचते हुए करोडो के कार्य में सेंधमारी की जा रही है। ठेकेदार को चयनित कर मनहाने कार्य करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है, तांकि सेवानिवृत्त से पहले-पहले शासन की राशि का बंदरबांट कर लिया जाये। इनकी कार्यप्रणाली की शिकायत अजाक थाने से लेकर कलेक्टर, आयुक्त शहडोल के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय तक करते हुए कार्यो की सूक्ष्मता से जांच कर इन भ्रष्टाचारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।
शासन को पहुंचा रहे आर्थिक क्षति
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष व वर्तमान उपसरपंच ग्राम पंचायत कांसा उमेश कुमार पटेल ने आयुक्त से शिकायत करते हुए लेख किया कि उक्त अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से ऑफलाईन निविदा पद्धति के माध्यम से अधिक दर पर कराये गये कार्य से शासन को हुई लाखों रूपये के आर्थिक क्षति के संबंध में शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसका जाँच लबित है। सितम्बर 2024 से दिसम्बर 2024 के मध्य उपसंभाग अनूपपुर अंतर्गत डब्ल्यू बी एम एवं शोल्डर रिपेयरिंग कार्य लागत लगभग 16.85 लाख, उपसंभाग राजेन्द्रग्राम अंतर्गत डब्ल्यू बी एम एवं शोल्डर रिपेयरिंग कार्य लागत लगभग 15.51 लाख, उपसंभाग राजेन्द्रग्राम के अंतर्गत गैर आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य लागत लगभग 12.50 लाख, उपसंभाग राजेन्द्रग्राम के अंतर्गत आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य लागत लगभग 9.00 लाख, उपसंभाग अनूपपुर अंतर्गत कोतमा सेक्शन के गैर आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य लागत लगभग 12.50 लाख, उपसंभाग अनूपपुर अंतर्गत कोतमा सेक्शन के आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य लागत लगभग 9.00 लाख, उपसंभाग अनूपपुर अंतर्गत गैर आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य लागत लगभग 12.50 लाख, उपसंभाग अनूपपुर/राजेन्द्रग्राम अंतर्गत आवासीय / गैर आवासीय भवनों का भरम्मत कार्य लागत लगभग 8.00 एवं 6.00 लाख, तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के पी0एम0 कॉलेज आफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नयन करने पर कैम्पस के रंगाई-पोताई एवं मरम्मत कार्य का लागत भग 35.00 लाख एवं उपसंभाग अनूपपुर अंतर्गत ब्रिज एवं कल्वर्ट रिपेयरिंग कार्य लागत के कार्य की निविदा आमंत्रित कर फर्जी तरीके से माप व देयक तैयार कर अधिकांश कार्यों का भुगतान भी नवंबर-दिसम्बर 2024 में कर दिये गये हैं, इन कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाना आवश्यक है, जिससे शासन को हो रही लाखों रूपये की आर्थिक क्षति से बचाया जा सके।
व्हीआईपी के नाम पर भ्रष्टाचार
लोक निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा एवं संभागीय लेखा अधिकारी नंद किशोर कुमार द्वारा व्ही.आई.पी. व व्ही.व्ही.आई.पी. व्यक्तियों के दौरा
कार्यक्रमों के नाम पर हमेशा इस तरह का कृत्य किया जाता रहा है। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित अमरकण्टक कार्यक्रम में पुन: लगभग 13.38 लाख रूपये के संक्षिप्त निविदा चोरी छिपे कराई जा रही है, जबकि रेस्ट हाउस, सर्कित हाउस के रख-रखाव व मरम्मत कार्य वर्ष भर कराये जाते हैं, इसके लिए पृथक से उपरोक्त क्र0-2 में वर्णित निविदा लगायी गयी थी तथा शेष कार्य जैसे बैरीकेटिंग, पार्किंग आदि की व्यवस्था स्थायी / शासकीय श्रमिकों से तथा स्थानीय निकाय के द्वारा कराये जा रहे हैं, लेकिन उक्त राशि का बंदरबांट कर गवन करने की नियत से अत्यधिक दर पर चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने की नियत से चोरी-छिपे लघु/संक्षिप्त निविदा आमंत्रित की जा रही है, जिसकी जाँच कराया जाना आवश्यक है। (छायाप्रति संलग्न है।)
भ्रष्टाचार की जांच आवश्यक
इनके कार्यकाल में आये दिन हजारों / लाखों रूपये के हैण्ड रिसीप्ट/पेटी बाउचर्स के द्वारा राशि का फर्जी तरीके से आहरण किया जाता है, जिसका जांच कराया जाना शासन/विभाग हित मे आवश्यक है। प्रभारी कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा एवं संभागीय लेखा अधिकारी नंद किशोर कुमार के रहते हुए निष्पक्ष जांच की संभावना नहीं है, ये जांच को प्रभावित कर सकते है, साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं, इसलिए इन्हें पद से हटाते हुए/अन्यत्र संलग्न करते हुए जांच कराया जाये, जिससे निष्पक्षता पूर्वक जांच परिणाम प्राप्त हो सके। उक्त शिकायतों की जांच सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी गठित कर कराये जाने एवं दोषी अधिकारी कर्मचारियों को दंडित करने की मांग की है।
ेइनका कहना है
लोक निर्माण विभाग के तीनो जिम्मेदार अधिकारी कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्टा, एसडीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी व संभागीय लेखाधिकारी नंदकिशोर कुमार से मोबाइल के माध्यम से बात करने का प्रयास किया जाता है तो वह कभी भी उत्तर देना मुनासिब नही समझते, यही कारण है कि किसी भी तरह से संपर्क मीडियाकर्मियों से नही किया जाता है।