माँ ने लगाया पुलिस पर बेटे को झूठे मुकदमे मे फ़साने का आरोप, न्याय की गुहार

*एक मां ने डाला पुलिस पर, बेटे को झूठे मुकदमे में फंसाए जाने का लगायी गंभीर आरोप, एसपी से मिलकर लगाई न्याय की गुहार*

दैनिक समाज जागरण

सोनभद्र। थाना चोपन क्षेत्र की कोटा खास निवासी शिलवन्ती देवी ने डाला पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। शीलवन्ति का आरोप है कि पुलिस उसके बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है। थाना चोपन क्षेत्र की कोटा खास निवासी शिलवन्ती देवी पत्नी शिव शंकर ने सोमवार को चुर्क स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पहुंच कर एसपी को एक शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि डाला पुलिस ने उसके बेटे को झूठे आरोप में फंसाना दिया है। शीलवन्ति ने बताया कि उसका बेटा राकेश कुमार उर्फ रवि जो महाराष्ट्र स्थित एक निजी कंपनी में काम करता है। जिसका वेतन उसके डाला शाखा स्थित एक बैंक में आता है। उन्होंने बताया कि उसका पुत्र रवि शर्मा अपने मित्र ईश्वर के बहन के विवाह में गत 19 अप्रैल 2025 को दो बार हस्तानान्तण के जरिये उसके बैंक खाते में ₹70,000/- (सत्तर हजार) हस्तानान्तरित किया था जो ईश्वर द्वारा उसके बेटे को 28 अप्रैल 2025 को नकद वापस किया गया था। शीलवन्ति ने बताया कि घटना 28 अप्रैल 2025 समय लगभग 19.55 बजे शायं उसका बेटा अपने चाचा के चाय नाश्ते की दुकान पर ग्राम कोटा, थाना चोपन पर था कि डाला चौकी इन्चार्ज आशीष पटेल और उनके हमराही व अन्य दो व्यक्ति जो सादे ड्रेस में थे, बेटे के चाचा के दुकान पर आये और चाचा गोविन्द के विषय में पूछने लगे। जब बेटे ने कारण जानना चाहा तो मां-बहन की भद्दी-भद्दी गाली देते हुए चाचा की दुकान से उसके बेटे को जबरदस्ती उठाकर अपने प्राइवेट चार पहिया वाहन में बैठा लिया और डाला चौकी लेकर आये। शीलवन्ति ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि उसके बेटे और चौकी इंचार्ज व मौजूद सिपाही के मोबाइल का उस दिन का लोकेशन उपलब्ध कराया जाय। शीलवन्ति ने डाला पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया कि उनके बेटे से मारपीट कर व डरा धमका कर डाला से कजरहट कोटा मार्ग पर ले जाकर उसके हाथ में एक झोला पकड़ा कर गाँजा में साजिशन गलत तरीके से चालान कर दिया गया। उसने उसने बताया कि उसका बेटा कोई गैर कानूनी कार्य नहीं करता है। शीलवन्ति ने एसपी से पूरे मामले की जांच करते हुए न्याय दिलाने की मांग की है। ताकि वह निर्दोष साबित होकर फिर से अपने काम धंधे पर लौट सके।

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