जिला अस्पताल का कायाकल्प टीम ने किया निरीक्षण, नर्सिंग स्टाफ नहीं पहन पाया ग्लब्स

आगरा। जिला अस्पताल के पास इंटरनेशनल लेवल का एसेसर मौजूद है लेकिन बावजूद इसके आगरा के जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। चिकित्सीय अधिकारी एसी रूम से बाहर निकलते नहीं है इसीलिए यहां के नर्सिंग स्टाफ को हाथों में ग्लब्स तक पहनना नहीं आता। आपको बता दें ओटी में निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प टीम के एसेसर पीआईसीयू वार्ड पहुंचे थे। यहां पर तैनात महिला नर्सिंग स्टाफ से उन्होंने वार्ता की। उनसे मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने के बारे में पूछा साथ ही वहां मौजूद दवाइयां की भी जानकारी ली। इसके बाद महिला नर्सिंग स्टाफ से मेडिकल ग्लव्स पहनने के लिए कहा। एसेसर के कहने पर सिस्टर ने ग्लब्स पहना लेकिन वो उनके टेस्ट फैल हो गई। फिर दूसरी सिस्टर से उन्होंने इसके बारे में पूछा तो उन्होंने ग्लब्स पहन कर बताया दूसरी सिस्टर कुछ हद तक एसेसर टेस्ट में पास हो गई। लेकिन कायाकल्प टीम के एसेसर यहां के नर्सिंग स्टाफ से खुश नजर नहीं आया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें जिला अस्पताल की ओपीडी का निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प की टीम में शामिल जिला कंसलटेंट फिरोजाबाद डॉक्टर रवीश कुमार ओटी में पहुंचे थे। ओटी में ऑपरेशन से संबंधित चिकित्सीय व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के दौरान डॉ. रवीश को इमरजेंसी ट्रे में एक इंजेक्शन मिला। इस इंजेक्शन को उन्होंने बारीकी से देखा। इस इंजेक्शन का नाम मेटोक्लोप्रामाईड था लेकिन इस इंजेक्शन एक्सपायरी देखी तो उनके भी होश उड़ गए यह इंजेक्शन एक्सपायर हो चुका था।

इमरजेंसी ट्रे में उसकी मौजूदगी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रही थी और हाथों में कलावा इन्फेक्शन को दावत दे रहा है इधर वार्ड के शौचालय में गंदगी से कायाकल्प की टीम के एसेसर के होश उड़ गए। कायाकल्प की टीम के निरीक्षण के दौरान हाथों में कलावे की गूंज पीआईसीयू से लेकर पोथोलॉजी तक सुनाई दी सिस्टर से लेकर पैथोलॉजी में काम करने वाले कर्मचारी हाथों में कलावा पहने हुए थे एसेसर ने पूछ लिया कि क्या इस कलावे से इन्फेक्शन नहीं होगा तो सभी की बोलती बंद हो गई, सभी लोग सफाई देने लगे।

मेल और फीमेल वार्ड की स्थिति भी यही देखने को मिली यहां पर भी असेसर ने वार्ड में मौजूद दवाइयां की जानकारी ली। इस दौरान इमरजेंसी फ्री में दवाइयां और इंजेक्शन रखे हुए थे वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ से पूछा क्या दवाइया चेक होकर इमरजेंसी ट्रे में रखी जाती हैं इस पर नर्सिंग स्टाफ ने हां में जवाब दिया तो फिर ऐसेसर ने उनसे पूछ लिया कि कौन-कौन सी दवाइयां है और इनमें से कौन सी सबसे जल्द एक्सपायर होने वाली है इस पर नर्सिंग स्टाफ हक्का-बक्का रह गया लेकिन उनमें से एक सिस्टर ने असेसर के सवालों का जवाब दिया। एसेसर ने दो टूक शब्दों में कहा कि आप मरीज को ठीक नहीं कर रहे बल्कि उसे और बीमार कर रहे हैं अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी धोखा दे रहे हैं आपके साथ आया इन्फेक्शन आपके परिवार और मरीज दोनों के लिए जानलेवा हो सकता है इसीलिए इस कलावे को कलाई से खोल देना ही ठीक है।

जिला अस्पताल की सीएमएस राजेंद्र अरोड़ा का कहना था कि कायाकल्प की टीम चिकित्सा से सुविधाओं और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करती है आज टीम आई है और जिला अस्पताल का निरीक्षण कर रही है। जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प टीम के डॉक्टर रवीश कुमार से जब वार्ता हुई तो उन्होंने कहा कि आप तो निरीक्षण में साथ थे सब कुछ आपने देखा कुछ कमियां है जिनकी रिपोर्ट वो अपने उच्च अधिकारी को सौप देंगे।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट