मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य भक्ति करके परमात्मा को पाना है- संत रामपाल जी महाराज*

कमल सिंह लोधा
दैनिक समाज जागरण

गुना – हम सभी जानते हैं कि यह नाशवान लोक है यहां जीवन भर सुख-दुःख बना रहता है और सुख दुःख के बीच हमें अपने मानव जीवन के मूल उद्देश्य को पूरा करना होता है। अर्थात मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य भक्ति करके परमात्मा को पाना है रविवार को राघोगढ़ तहसील के अग्रवाल धर्मशाला रुठियाई में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने जिला स्तरीय सत्संग का आयोजन एलइडी टीवी के माध्यम से किया।यह सत्संग कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ बड़ी संख्या में श्रद्धालु, सत्संग सुनने के लिए पहुंचे |

संत रामपाल जी महाराज ने सत्संग में बताया है कि कबीर जी ने कहा है कि जिस शरीर को रोगमुक्त कराने के लिए मानव अपनी संपत्ति को भी बेचकर उपचार कराता है। वह शरीर भी आपके साथ नहीं जाएगा, धन संपत्ति की तो बात ही क्या है। इसीलिए पूर्ण गुरू जी से दीक्षा लेकर भक्ति करके गुरू जी के बताए ज्ञान को आधार बनाकर जीवन की राह पर चलकर भक्ति धन संग्रह करना चाहिए।

सत्संग में संत जी के अनुयायियों के इंटरव्यू भी दिखाए गए। इंटरव्यू में दावा किया गया है कि संत रामपाल जी महाराज से जो श्रद्धालु नाम दीक्षा ले लेते हैं वह सभी प्रकार का नशा, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी, भ्रूण हत्या जैसी तमाम कुरीतियों से दूर रहते हैं।
सत्संग में बुक स्टॉल लगाया गया था इस बुक स्टॉल में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकें देखने को मिली जैसे जीने की राह, ज्ञान गंगा, आदि सत्संग के बाद श्रद्धालुओं के लिए चाय राम और बिस्कुट राम की व्यवस्था भी की गई थी। सत्संग में उपस्थित सेवादार करण दास, हंसराज दास, कमल दास सीताराम दास, राधेश्याम दास खसीटा दास, बिहारी दास, सोनू दास, रामचरण दास, सुरेश दास, सुधा दासी आदि भगत और बहने सेवा करते नजर आए