मासिक धर्म के प्रति जागरूकता जरूरी: काज़ल कसेर*

परिलता वेलफेयर फाउंडेशन ने महिलाओं व किशोरियों को दी सलाह

अकलतरा, छत्तीसगढ़ । रजोशक्ति महाअभियान के अंतर्गत ग्राम पड़रिया, अकलतरा की किशोरी बालिकाओं तथा महिलाओं को मासिक धर्म के प्रति जागरूक किया गया। परिलता वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष काजल कसेर ने माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं का सामना कैसे करें,इस पर चर्चा की। काज़ल कसेर ने कहा कि मासिक धर्म, जिसे आम भाषा में पीरियड्स कहा जाता है, महिलाओं के जीवन का एक सामान्य और जैविक हिस्सा है। इसके बावजूद, समाज में इसके बारे में खुलकर बात करना आज भी एक बड़ी वर्जना माना जाता है। कई जगहों पर लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान अपवित्र माना जाता है, जिससे वे स्कूल, मंदिर या सामाजिक कार्यक्रमों से दूर रखी जाती हैं काज़ल ने कहा कि यह सोच न केवल उनके आत्मविश्वास को चोट पहुंचाती है बल्कि उनके विकास में भी बाधा डालती है।
काज़ल ने कहा कि आज कई संस्थाएं और स्कूल मासिक धर्म पर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चला रहे हैं। सेनेटरी नैपकिन्स की उपलब्धता, साफ-सफाई की जानकारी और सही उम्र में बच्चों को यौन शिक्षा देना बेहद ज़रूरी है। काज़ल ने कहा कि मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए खुला संवाद जरूरी है – न सिर्फ लड़कियों के बीच, बल्कि लड़कों को भी इसमें शामिल करना चाहिए ताकि वे भी इस प्रक्रिया को समझें और साथ दें।
इस अवसर पर काज़ल ने माहवारी सम्बन्धित शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों को तोड़कर आज की युवतियाँ कैसे आगे बढ़े, इसके लिए लोगों को प्रेरित किया और साथ ही मासिक धर्म पर अपनी स्वयं लिखित पुस्तक सुर्ख़लाल; प्रेमी या राक्षस की प्रतियाँ सभी को बाँटी। इस दौरान ग्राम की मितानीन  रामबाई निर्मलकर,  रूपेश कुमार कवर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुमारी कंसारी सहित ग्राम के कुछ स्थानीय निवासी मौजूद रहे l

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