12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को लेकर सौंपा ज्ञापन

दैनिक समाज जागरण
ब्यूरो चीफ उमाकांत साह
बांका/चांदन: आशा संयुक्त संघर्ष मंच के आवाह्वन पर आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर की नौ सूत्री मांग पूर्ति हेतु 12 जुलाई 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल जाने की तैयारी को लेकर राज्य के सभी आशा एवं आशा फैसिलिटेटर दीदीयों ने निर्धारित तिथि गुरुवार 22 जून को संबंधित प्रखंड की अस्पतालों में सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी एवं प्रदर्शन करते हुए अपनी 9 सूत्री मांग पत्र प्रभारी चिकित्सक को सौंपी। इसी क्रम में जिले के चांदन प्रखंड की समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांदन के आशा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले प्रखंड मंत्री अंजू कुमारी, प्रखंड अध्यक्ष गायत्री कुमारी, संयुक्त मंत्री रेखा देवी, आदि आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों ने एकजुटता का परिचय देते हुए, अपनी 9 सूत्री मांग पत्र प्रभारी चिकित्सा के नाम से स्थापना के पदस्थापित कर्मी को सोंप कर सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया। वहीं इस संबंध में प्रेस वार्ता के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने बारी बारी से बताई की, सरकार की दोगलकी रवैया नहीं चलेगी। पिछले 38 दिन के हड़ताल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के बीच समझौता की गई थी कि, हम आशा बहनों को ₹1000 मासिक वेतन देंगे, लेकिन हड़ताल तोड़ने के बाद उसे पारितोषिक में परिवर्तित कर दिया। आगे बताई कि हम आशाओं को दिहाड़ी मजदूरी के बराबर भी पैसे नहीं दी जाती है। दिहाड़ी मजदूर दिन भर काम करती है तो उसे शाम को ₹500 मिल जाती है, लेकिन हम आशा कार्यकर्ताओं से रात दिन 24 घंटे तीसौ दिन सरकार काम लेती है, बदले में प्रतिदिन के हिसाब से एक सो रुपए भी नहीं दी जाती है। जिससे हमारा परिवार चलाना तो दूर बच्चों को शिक्षा काफी दूर चली गई है। ऊपर से घर का ताना सुननी पड़ती है। हम आशा कार्यकर्ता राज्य में पोलियो मुक्त किया, स समय टीकाकरण करा कर शिशु एवं मातृ मृत्यु दर घटाई, कोरोना काल में घर घर जाकर सर्वे किए, धूप में खड़ी होकर जान जोखिम में डाल कर लोगों को वेक्सिन दिलवाई। लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में हम आशा बहनों से काम लिया। जिसका पैसा आज तक बकाया है। सरकार यदि हमारी बातें को नहीं सुनती है तो, आने वाले 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बाध्य हो जाऊंगी, जिसकी जिम्मेदारी खुद सरकार होगी। जब तक हमारी मांग आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को राज्य निधि से ₹1000 मासिक संबंधित सरकारी संकल्प में पारितोषिक शब्द वापस नहीं लेती एवं इसे बढ़ाकर ₹10000 प्रति मासिक वेतन नहीं करती, वित्तीय वर्ष 19-20 अप्रैल से नवंबर तक का बकाया ₹1000 वेतन भुगतान, आशाओं के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार कमीशन खोरी पर रोक, कोरोना काल की ड्यूटी के लिए सभी आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों को कोरोना भत्ता ₹10000, फैसिलिटेटर को का भ्रमण भत्ता (एसबीसी) दैनिक ₹500 की दर से भुगतान करना, आशा कार्यकर्ता और आशा फसलों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना आदि 9 सूत्री की मांग रखी गई है, हमारी मांगे समय रहते पूरी नहीं होती है तो आने वाली 2024 के चुनाव में सरकार के विरुद्ध डटकर मुकाबला करते हुए सबक सिखाने का काम करूंगी। इस मौके पर प्रखंड मंत्री के अलावा प्रखंड उपाध्यक्ष संगीता कुमारी, संयुक्त मंत्री आशा फैसिलिटेटर उर्मिला देवी, सुभद्रा कुमारी, असमीना खातून, रेनू देवी, मधु कुमारी, फैसिलिटेटर मधुलिका देवी, जुबेदा खातून, प्रभावती देवी, नीता सोरेन, प्रतिमा देवी, सुनीता झा, पार्वती देवी, सावित्री देवी, संयुक्त मंत्री कुमारी गीतांजलि, मंती देवी, माया रानी यादव, हलीमा खातून, रानी देवी, सूमि सोरेन, आदि प्रखंड के दर्जनों आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।