नदियों का सीना चीर रहे बालू -माफिया, विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

उत्तम सिंह :दार्जिलिंग: समाज जागरण:
बालू-माफिया द्वारा नदियों का बालू खनन लगातार किया जा रहा है, लेकिन संबधित अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। सिलीगुड़ी महकमा के महानंदा, बालासन, रक्ती, मेची, चेंगा और अन्य नदियों से अवैध रेत खनन और नदी तल खनन का केंद्र बन गई हैं। कई जगहों पर बालू माफिया बालू और पत्थर निकालने के लिए जेसीबी, पॉकलिंग आदि जैसी भारी मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह काम रात के अंधेरे में किया जाता है। हाल ही में बालासन नदी में रात के अंधेरे में अवैध रेत खनन के दौरान हुए भूस्खलन में तीन किशोरों की मौत हो गई । इसके अलावा कुछ दिन पहले 2 नाबालिग छात्र – एक मुरलीगंज, बिधाननगर क्षेत्र में और दूसरा गंगाराम चाय बागान, घोषपुकुर क्षेत्र में, अवैध रेत खनन में शामिल ट्रैक्टरों द्वारा सड़क दुर्घटना में मारे गए थे। एक और चिंता की बात है कि कई स्टोन क्रेशर आवश्यक परमिट, समाप्त हो चुके हैं। इसके अलावा खनन पट्टे और पर्यावरण मंजूरी के बिना स्वतंत्र रूप से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और कुछ स्थानीय टीएमसी नेताओं द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। इनमें से कुछ क्रेशर महानंदा नदी के किनारे गुलमा क्षेत्र में, बालासन और रक्ती नदी पर पुतिनबाड़ी, खपरैल, ताराबाड़ी क्षेत्र में और मेची नदी पर नक्सलबाड़ी के रकमजोत क्षेत्र में स्थित हैं। बालासन नदी पर माटीगाड़ा ब्लॉक के बनियाखाड़ी इलाके में नए क्रेशर के निर्माण की खबर पर स्थानीय निवासी विरोध कर रहे हैं। विधायक ने अनुरोध किया है कि इस नये क्रेशर की स्थापना इसी समय की जाय। नदी तटों की खुदाई के लिए बड़ी मशीनों का उपयोग करके व्यापक अवैध खनन से पूरे क्षेत्र में गंभीर पर्यावरण विनाश हो रहा है। इसके अलावा बालू पत्थर के इस अवैध खनन से राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।

डीएम के आदेशों का उल्लंघन कर हो रहा बालू खनन

उन्होंने इस अवैध रेत पत्थर की तस्करी को रोकने और पर्यावरण को बचाने के लिए अवैध रेत और पत्थर खनन में शामिल सभी सरकारी अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, राजनीतिक नेताओं और रेत माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। दूसरी ओर बालू पत्थर खनन के अलावा बंगाल-बिहार व खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के चक्करमारी के रास्ते सैकड़ों ओवरलोड वाहनों का परिचालन हो रहा है। जबकि दार्जिलिंग जिलाधिकारी डॉ. प्रीति गोयल ने 28/06/2024 को आदेश जारी किया था कि मानसून के मौसम के दौरान दिनांक 01/07/2024 से 30/09/2024 तक नंदी तल से रेत उठाने, लोड करने और परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके बावजूद, दार्जिलिंग जिलाधिकारी के आदेश का उल्लंघन कर सैकड़ों ओवरलोड वाहनों का परिचालन घोषपुकुर के रास्ते बंगाल बिहार सीमांत व खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के चक्करमारी
के रास्ते होते हुए बिहार में प्रवेश करती है।