‘नैतिक जिम्मेदारी…’: प्रियंका गांधी ने ‘बर्बर’ नेतन्याहू और अमेरिका पर निशाना साधा

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को गाजा में इजरायल सरकार की कार्रवाई की निंदा की और इसे ‘नरसंहार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का साझा नैतिक दायित्व है कि वह इजरायल सरकार को अपनी कार्रवाई रोकने के लिए मजबूर करे। प्रियंका की यह टिप्पणी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए गाजा में इजरायल के चल रहे सैन्य अभियान को उचित ठहराने के बाद आई है।

उनके भाषण का प्रमुख डेमोक्रेटिक सांसदों ने बहिष्कार किया और कैपिटल में हजारों प्रदर्शनकारियों को आकर्षित किया, जिन्होंने संघर्ष और इसके परिणामस्वरूप मानवीय संकट की आलोचना की, हालांकि उन्हें अमेरिकी कांग्रेस से खड़े होकर तालियां मिलीं। लेकिन कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने नेतन्याहू सरकार को बर्बर बताया और उन पर पश्चिमी दुनिया के अधिकांश देशों से अटूट समर्थन प्राप्त करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही प्रियंका वाड्रा ने कहा कि इजरायल की कार्रवाई ‘अस्वीकार्य’ है। प्रियंका गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह हर सही सोच वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें वे सभी इजरायली नागरिक शामिल हैं जो नफरत और हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं, और दुनिया की हर सरकार इजरायल सरकार के नरसंहार की निंदा करे और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करे।

सभ्यता और नैतिकता का दावा करने वाली दुनिया में उनके कार्य अस्वीकार्य हैं। इसके बजाय हम अमेरिकी कांग्रेस में इजरायली प्रधानमंत्री की छवि को देखते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “वह इसे ‘बर्बरता और सभ्यता के बीच टकराव’ कहते हैं। वह बिल्कुल सही हैं, सिवाय इसके कि यह वह और उनकी सरकार है जो बर्बर है और उनकी बर्बरता को पश्चिमी दुनिया के अधिकांश देशों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। यह देखना वाकई शर्मनाक है।” हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष, जो नौ महीने से अधिक समय से चल रहा है, ने कम से कम 39,175 व्यक्तियों की जान ले ली है। मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले 24 घंटों में 30 मौतें हुई हैं।

सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस नेत्री को सिर्फ इजरायल या इजरायल के द्वारा किए जा रहे आपरेशन बर्बर क्यो लगते है। क्या इजरायली नागरिकों के जान के कोई कीमत नही है। क्या यह नही माना जाना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ भारत के भारतीय जनता पार्टी जो सरकार मे है उसके आलोचना तक ही सीमित नही है बल्कि भारत के मित्रो देशों का भी आलोचना करने से भी परहेज नही कर रही है। वही चीन जैसे देशों के आलोचना के समय मे भारत के विपक्षी पार्टियों को सांप सूंघ जा रही है। पहले जिस इजरायली पर हमास के आंतकवादियों के द्वारा हमला किया गया और औरतों बच्चों को बर्बर तरीके से मारा गया क्या उतने ही जघन्य तरीके से इजरायल भी हमला किया है। आखिर भारत के विदेश नीति के द्वारा खीची लकीरों को पार करके विपक्ष के द्वारा इजरायल का विरोध करने का रिस्ता क्या कहलाता है।