नरहट के समाजसेवी राजकुमार चौधरी की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई*

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*‘कचड़ा डम्पिंग यार्ड’ मामले में एनएससीसी का राज्य आयोग को नोटिस*

*डॉ अंजु बाला की अदालत को सुनवाई के लिए किया अधिकृत*

*रीता कुमारी, ब्यूरो चीफ, दैनिक समाज जागरण*

*नवादा (बिहार)।* राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनएससीसी) के अध्यक्ष विजय सिम्पला ने नवादा जिला के नरहट प्रखंड अन्तर्गत शेखपुरा पासी टोला के पास गंदे कूड़े-कचड़ों को डम्पिंग करने के लिए बनायी जा रही संरचना से सम्बंधित शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग के सदस्य डा. अंजु बाला की अदालत को इस मामले की सुनवाई हेतु अधिकृत किया है। उन्होंने बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक संजय कुमार सिंह से इस मसले पर रिपोर्ट तलब की है। एनएससीसी ने यह कार्रवाई नरहट प्रखंड के समाजसेवी राजकुमार चौधरी की शिकायत पर की है।
राजकुमार चौधरी ने आयोग को प्रेषित पत्र के माध्यम से शिकायत की थी कि ग्राम शेखपुरा के पासी टोला के पास पूरे पंचायत के गंदे कचड़ों का ढ़ेर एकत्रित करने के लिए ‘डम्पिंग-यार्ड’ का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यहां निवास करनेवाले गरीब परिवारों में बीमारी और महामारी फैलने की आशंका सदैव बनी रहेगी। इस स्थान पर अनुसूचित जाति के पासी, चमार, रजवार और दुसाध के साथ ही अत्यंत पिछड़ी अंसारी और फकीर जाति के लोग निवास करते हैं। अनुसूचित जाति तथा जनजाति अत्यचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत अनुसूचित जाति की आबादी के पास कचड़ों के ढ़ेर को डम्प नहीं करने का स्पष्ट निर्देश है, परन्तु सम्बंधित एजेंसी और नरहट के कनीय अभियंता ने इस संरचना के निर्माण के लिए ले-आउट करा लिया है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस सम्बंध में अनेक बार नरहट के अंचल अधिकारी से मिलकर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
हिसुआ से कांग्रेस विधायक नीतु कुमारी ने भी नवादा के उप-विकास आयुक्त और रजौली के भूमि सुधार उपसमाहर्ता से इस मामले में हस्तक्षेप करने अनुरोध किया था। विधायक के अनुरोध पर इन अधिकारियों ने इस कार्य पर रोक लगाने का आदेश दिया भी था, परन्तु सम्बंधित एजेंसी और कनीय अभियंता बाहरी असामाजिक तत्वों से स्थानीय लोगों को डरा-धमकाकर बलपूर्वक कार्य करा रहे हैं।
राजकुमार चौधरी ने अपने परिवाद के माध्यम से इस संरचना के निर्माण की राशि के भुगतान पर रोक लगाते हुए इस स्थल की भूमि का चयन करनेवाले हलका कर्मचारी और इसकी स्वीकृति देनेवाले प्रशासनिक अधिकारी के साथ ही सम्बंधित एजेंसी और कनीय अभियंता के विरुद्ध अनुसूचित जाति-जनजाति अत्यचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकि दायर कराने का अनुरोध राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से किया है। चौधरी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी यह मामला ले जायेंगे और बिहार विधानमंडल के आगामी सत्र में अनुसूचित जाति के माननीय विधायकों और विधान पार्षदों के माध्यम से सदन में भी इसे उठवायेंगे।