किसानों के आत्मनिर्भरता की बैक्सीन है प्राकृतिक खेती

प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण में कृषि विशेषज्ञों के विचार
समाज जागरण ओंकार नाथ
दानगंज(वाराणसी)-
प्राकृतिक खेती को अपनाने से न सिर्फ मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है बल्कि किसान बिषमुक्त खाद्यान्न का उत्पादन कर सकते हैं। उक्त बातें आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्व विद्यालय अयोध्या के प्रबंधकीय समिति के सदस्य शैलेंद्र कुमार रघुवंशी ने बुधवार को चोलापुर ब्लाक सभागार में कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों के बीच कही।बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों के आत्मनिर्भरता की ऐसी वैक्सीन है तो किसानों को समृद्धशाली बनाने में सहायक है।
उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल के निर्देशन मे नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजनान्तर्गत आयोजित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए खण्ड विकास अधिकारी शिवनारायण सिंह ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाकर बिषमुक्त खाद्यान्न उत्पादन करने की सलाह दी ।खण्ड तकनीकी प्रबंधक देवमणि त्रिपाठी ने किसानों को “एक गाय देशी-तीस एकड़ खेती” के सिद्धांत को समझाते हुए प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया ।सहायक विकास अधिकारी (कृषि) केशव प्रसाद यादव ने विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की।इस दौरान अक्षय कुमार,पंकज भास्कर,सुभाष झा,सौरभ सिंह,नीतीश कुमार,स्वाती राय,आरती राय,फौजदार यादव,संतोष यादव आदि उपस्थित रहे।

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