गहरी नदी व नहरों, तालाबों, घाटों में डूबने से बचाव हेतु आवश्यक उपाय।

समाज जागरण दैनिक

विश्व नाथ त्रिपाठी

प्रतापगढ़। वर्तमान समय में डूब कर होने वाली मृत्यु की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, जिसके संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नागरिकों को विशेष सलाह बरतने के लिए जानकारी प्रदान की जा रही है. इसके अंतर्गत सभी नागरिकों से अपेक्षा है कि-

1- वर्तमान मानसून के समय नदी का जल स्तर बिना किसी पूर्व चेतावनी के बढ़ सकता है, इसलिए नदी के किनारे निवास करने वाले नागरिको को विशेष सलाह दी जाती है कि वह नदी, नहर एवं घाटों के आस पास न जाये क्योंकि इससे डूबने का खतरा हो सकता है। अन्य स्थानों यथा तालाबों कुओं, पोखरों आदि के पास कदापि न जायें क्योंकि इनकी गहराई के बारे में अंदाजा करना मुश्किल होता है।

2- पशुओ को चराने के उपरान्त स्वयं तालाबों एवं पोखरों में स्नान हेतु न जायें।

3- डूबते हुए व्यक्ति को धोती, साड़ी, रस्सी या बांस के सहायता से बचायें स्वयं पानी में न जायें सहायता के लिये अन्य लोगो को पुकारें।

4- किसी नये स्थान पर नदी में जाने से पहले नदी की गहराई का ध्यान अवश्य रखें।

5- बच्चों को पुल, तालाब नदी, गड्डो तथा तेज पानी के बहाव में स्नान करने से रोके, बच्चों को पुल, ऊंचे टीलों से पानी में छलांग लगाकर नहाने से रोके, नदियों, तालाबों में स्नान करते वक्त सेल्फी लेने से रोके।

6- डूबते व्यक्ति को पानी से बाहर निकालकर तत्काल प्राथमिक उपचार इस प्रकार करें, सबसे पहले ये सुनिश्चित करें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुंह में कुछ फसा तो नही है, यदि है तो उसे बाहर निकाले, नाक व मुंह पर उंगलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि व्यक्ति की सांस चल रही है, नब्ज की जाँच करने हेतु गले के किनारे के हिस्सों में उंगलियों से छूकर जानकारी प्राप्त करें कि नब्ज चल रही है कि नहीं, पता नही चलने पर डूबे व्यक्ति के मुंह से मुंह लगाकर दो बार भरपूर सांस दें तथा लगातार 30 बार छाती के बीच में दबाव दे तथा इस प्रक्रिया को 3-4 बार दुहराए।

7- जिन तालाबों की गहराई के बारे में जानकारी ना हो वहां पर कतई न जाए क्योंकि ऐसी जगह हमेशा दुर्घटना की आशंका को बढ़ाती हैं।

8- किसी भी दुर्घटना होने पर चिकित्सीय सहायता हेतु 112 नंबर डायल करें एंबुलेंस को सूचित करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं।