सदर अस्पताल में श्वसन विकार से ग्रसित नवजात का समुचित इलाज होगा संभव

सीपैप मशीन की मदद से होगा श्वसन संबंधी समस्याओं से ग्रसित शिशुओं का उपचार

तुरंत प्रभावी इलाज से नवजात मृत्यु के मामलों में आयेगी कमी, अभिभावकों की परेशानी होगी कम

अररिया ।

श्वसन संबंधी समस्याएं नवजात मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे अधिक नवजात की मौत समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन व श्वसन संबंधी अन्य समस्याओं की वजह से होती है। श्वसन संबंधी समस्याओं की वजह से होने वाले नवजात की मौत पर अंकुश लगाने के लिये जिला स्वास्थ्य विभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। सदर अस्पताल के विशेष नवजात देखभाल इकाई यानी एसएनसीयू में सीपैप (कंटिन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर मशीन) न सिर्फ प्रतिष्ठापित किया गया। बल्कि इसकी मदद से जरूरतमंद बच्चों का इलाज भी शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखता है।
नवजात के उपचार में प्रयुक्त महत्वपूर्ण उपकरण है सीपैप
सीपैप यानी कंटिन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर मशीन एक मेडिकल उपकरण है। जो जन्मजात श्वसन विकार के शिकार नवजात के उपचार में बेहद उपयोगी है। सीपैप मशीन लगातार साकारात्मक दबाव वाली हवा को शिशु के श्वास मार्ग में भेजती है। यह दबाव श्वास मार्ग को खुला रखता है। ताकि शिशु को सांस लेने में आसानी हो। बाल रोग विशेषज्ञ व एसएनसीयू के प्रभारी चिकित्सक डॉ विमल कुमार ने बताया कि यह मशीन मुख्य रूप से उन शिशुओं के लिये उपयोगी है। जिन्हें जन्म के बाद सांस लेने में कठिनाई हो रही हो। समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों में ये समस्या अधिक देखी जाती है। दरअसल ऐसे शिशुओं का फेफड़ा पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। इस कारण शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। श्वसन मार्ग में किसी तरह की रूकावट, संक्रमण की वजह से होने वाला निमोनिया सहित अन्य कारणों से नवजात का श्वसन प्रक्रिया बाधित होता है। ऐसे बच्चों के उपचार में सीपैप मशीन बेहद उपयोगी व कारगर है।