नोएडा औद्योगिक सेक्टरों में व्यवसायिक उपयोग पर नीति बनाकर हो बदलाव: अनिल के गर्ग

हमसे तो अच्छा शहर के 1 लाख ठेली पटरी वाले है जिनको प्राधिकरण नें हजार 2 हजार लेकर अनुमति दिया हुआ है। प्रभारी मंंत्री के सामने समस्या रखते हुए एनईए अध्यक्ष श्री विपिन महल्हन ने कहा। समय समय पर बदलाव के लिए उठते रहे है मांग लेेकिन नोएडा प्राधिकरण ने तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।

समाज जागरण नोएडा डेस्क

नोएडा सेक्टर 9-10 को अब व्यवसायिक बनाने की मांग जोरो शोरो से उठने लगी है। पिछले 25 वर्षों से नोएडा के कई औद्योगिक सेेक्टरों को व्यवसायिक सेेक्टरों में बदलने की मांग जारी है। हाल ही में नोएडा इन्टरप्रेन्योर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विपिन मल्हन ने प्रभारी मंत्री के सामने अपने ब्यान मे नोएडा प्राधिकरण पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि “हमसे अच्छा तो शहर के 1 लाख से ज्यादा ठेली पटरी वाले है जिनको हजार, दो हजार लेकर लाइसेंस पकड़ा दिया जाता है” जबकि हम व्यापारी लोग सरकार को टैक्स देते है। लोगो नें जगह लीज पर लिया हुआ है। दुकान से लोगों के रोजगार चलते है और लोगो को रोजगार मिलते है।

श्री मल्हन ने कहा ” पहले मशीन के कोई भी पार्ट अगर खराब होता था तो लोगो को दिल्ली के कश्मीरी गेट जाना पड़ता था या फिर गाजियाबाद के लालकुआँ। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था और समय भी खराब होते थे। हम लोगों नें धीरे-धीरे उन पार्टों की उपलब्धता यहाँ बढ़ा दी । इसे हम लोग राॅ मेटेरियल के मार्केट के रूप में पहचान दिलाया है। लेकिन आये दिन कोई भी अधिकारी आते है और कहते है दुकानों को सील कर दो। दुकान को सील करके चले जाते है। नोएडा में उद्यमियों के समस्या को प्रभारी मंत्री के सामने रखते हुए उन्होनें कहा जिसका विडियों टवीटर पर टवीट किया गया है।

नोएडा शहर के वरिष्ठ नागरिक व अधिवक्ता श्री अनिल के गर्ग ने टवीटर पर अपने पहले के विचार को साझा करते हुए लिखा है “हम लोग तो पहले से ही नोएडा प्राधिकरण से मांग करते आ रहे है लेकिन बड़ी हैरानी की बात है प्राधिकरण ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट नीति तैयार करने में असफल रही है। जबकि नोएडा सेक्टर 8,9 और 10 तो लगभग पूरी तरफ से व्यवसायिक गतिविधियों में लिप्त है” नोएडा प्राधिकरण को चाहिए कि एक स्पष्ट नीति बनाकर जो भी शुल्क बनता है उसको लिया जाय और इन औद्योगिक क्षेत्रों को व्यवसायिक में बदलाव करे।

इसके साथ ही इन क्षेत्र से प्राप्त राजस्व को इन्ही क्षेत्रों के विकास में लगाया जाय ताकि यह एक स्मार्ट सिटी बन सके। नोएडा के इन सेक्टरों मे हुए अतिक्रमण को देखकर कोई कह सकता है कि नोएडा एक स्मार्ट सिटी है। एक तरफ दुकाने खुली हुई है तो दूसरी तरफ झुग्गी झोपड़ी नें विशाल रूप लिया हुआ है।

अब जबकि नोएडा सेक्टर 5, 8,9,10 में बड़ी मात्रा में व्यवसायिक गतिविधियाँ चल रही है तो अब नोएडा प्राधिकरण को इन सेक्टरों को व्यवसायिक घोषित कर नियम अनुसार राजस्व प्राप्त करना चाहिए। 50 हजार से लेकर 1 लाख 25 हजार प्रति वर्ग स्क्वाइर मीटर के दर से शुल्क लेकर 2 का एफएआऱ देना चाहिए। इसके साथ ही जो बिजली औद्योगिक नीति के तहत सस्ती दर पर उपलब्ध कराये जा रहे है उसे भी व्यवसायिक में बदलना चाहिए।