


आईसीयू में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है जिसको लेकर मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके।
औरंगाबाद जिले में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं व्यवस्थापक व सरकार,जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहें रोगियों के परिवार व रोगी।
समाज जागरण, सत्य प्रकाश नारायण जिला संवाददात्ता /धनंजय कुमार विधि संवाददात्ता
औरंगाबाद (बिहार ) 31 दिसंबर 2022 :- औरंगाबाद के सदर अस्पताल में आईसीयू चिकित्सक एवं नर्स की कमी के कारण अव्यवस्थित दिख रहा है। अस्पताल की नर्स को पदस्थापित कर आईसीयू में मरीजों का इलाज किया जा रहा है ।सदर अस्पताल के भवन भले ही चकाचक हो गई हो, सर -सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, दीदी की रसोई में खूब बढ़िया व्यवस्था है, लेकिन आईसीयू की स्थिति दयनीय है ।
सदर अस्पताल औरंगाबाद के आईसीयू में भर्ती मरीजों की जान 24 घंटे खतरे में है। आईसीयू कब बंद हो जाएगा यह कहा नहीं जा सकता है।
नोडल पदाधिकारी भी किसी कारण.बस दो-तीन महीने से क्यों नहीं आ रहे हैं और ऐसी परिस्थिति में मरीजों का उपचार किस तरह हो रहा है यह एक विचारणीय विषय हैं। गंभीर स्थिति में मरीजों को स्वजन मरीज़ को लेकर चले आते हैं और इसके बाद यहां से मरीज को रेफर कर दिया जाता है और परिजन अपने मरीज को दूसरे अच्छे क्लीनिक में ले जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं । जिस प्रकार पूरे देश में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है ऐसी स्थिति में आईसीयू के संचालन को लेकर तत्परता दिखाई नहीं पड़ रही है।
आईसीयू को नियमानुकूल संचालित करने के लिए एक ह्रदय, दो एमडी ,एक सर्जन ,तीन मूर्षक एवं तीन एमबीबीएस चिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है। जहां मात्र एक एमबीबीएस के भरोसे कार्य हो रहा है। आईसीयू में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है जिसको लेकर मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके।
सदर अस्पताल में जो वेंटीलेटर खरीदा गया था वह अब धूल फांक रहे हैं।
कोरोना वायरस शरीर की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है संक्रमित मरीज के फेफड़े के अंदर इतना वायरस बैठा देता है कि मरीज को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अंदर मौजूदा कार्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाता और फेफड़े में तरल पदार्थ भर जाता है। वेंटीलेटर यह एक ऐसा जरिया है जिससे अधिक से अधिक ऑक्सीजन पहुंचा कर कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे मरीजो को राहत मिलती है और बचने की संभावना बढ़ जाती है। किन्तू सदर अस्पताल औरंगाबाद की आईसीयू की हालात विपरीत हैं।