शांति केवल युद्ध का न होना नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक स्थिति है, जहां सभी लोग एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करते हैं: डॉ.चंद्रशेखर

के पी कॉलेज मुरलीगंज में एन एस एस के सौजन्य से आयोजित हुई अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस समारोह

मुरलीगंज।

भू. ना. मंडल विश्वविद्यालय लालू नगर मधेपुरा की अंगीभूत ईकाई के पी कॉलेज मुरलीगंज में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के बैनर तले अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता वरीय प्राध्यापक महेंद्र मंडल ने की।
प्रधानाचार्य डा. जवाहर पासवान के निर्देशन में आयोजित इस समारोह की शुरुआत एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी ने की। उन्होंने शांति, सहिष्णुता और सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “शांति केवल युद्ध का न होना नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक स्थिति है, जहां सभी लोग एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करते हैं।” उन्होंने छात्रों को समाज में शांति और सहिष्णुता फैलाने के लिए प्रेरित किया।
वक्ताओं ने भी अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस डाला प्रकाश
इस मौके पर वक्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए
कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्र छात्राओं में सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम में छात्रों को शांति के महत्व के बारे में जागरूक किया गया, और सभी को एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा दी गई।वक्ताओं ने विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए बताया, “शांति का संदेश केवल हमारे शब्दों से नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से फैलता है। हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जो समाज में सद्भाव और समझ को बढ़ावा दें।” इस अवसर पर छात्रों ने शांति से संबंधित कविताएं और नारे भी प्रस्तुत किए, जिससे वातावरण में सकारात्मकता फैली।

अध्यक्षीय और समापन अभिभाषण देते हुए वरीय प्राध्यापक महेंद्र मंडल ने कहा, “आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने भीतर और समाज में शांति की स्थापना के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।” उन्होंने छात्रों को व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर शांति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने पर जोर दिया।
इस अवसर पर डॉक्टर सुशांत कुमार सिंह, डॉक्टर संगीता कुमारी सिन्हा, डा. सुशांत कुमार सिंह, डॉक्टर शिव शर्मा, डॉ विजय पटेल, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ चंद्रशेखर आजाद, डॉ विकास कुमार ,डॉ पूनम कुमारी,उदित मंडल, डॉ शंकर रजक, डा.मो.अली अहमद मंसूरी,डॉ दीपक कुमार, डॉ राघवेंद्र कुमार, डॉ एहतेशाम आलम, डा ब्रह्मदेव जी इत्यादि सहित प्रधान लिपिक सह प्रशाखा पदाधिकारी कुमार राजन, लेखापाल देवाशीष, नीरज कुमार निराला, छात्र छात्राएं आदि मौजूद थे।

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