अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से ऊर्जा उत्पादन ठप्प,मेंटीनेंस के कार्य में हुये भ्र्ष्टाचार की खुली पोल

केके पॉवर और शशि कुमार एंड कम्पनी को ही मेंटीनेंस का कार्य क्यों ?
इन्ट्रो
जिले के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 210 मेगावाट इकाई से शुक्रवार को एका-एक विद्युत का उत्पादन बंद हो गया,जबकि बीते माह ही इकाई के ओवरहालिंग (मेंटेनेंस) का कार्य हुआ था,जानकर सूत्र बताते हैं कि 45 दिनों तक मेंटेनेंस करने के बाद इकाई का तीसरी बार ट्रिप होना जहां गुणवत्ता विहीन मेंटेनेंस का कार्य किये जाने का स्पष्ट खुलासा है वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की कर्तव्य परायणता पर सवाल खड़ा करता है। इकाई से ऊर्जा उत्पादन बंद होने के कारण जहां मध्य प्रदेश शासन को बीते 24 घंटे में करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है वहीं आई तकनीकी खराबी के सुधार में लाखों रुपए का अतिरिक्त अधिकार व्यय करना पड़ेगा। इस पूरे मामले में किसकी गलती है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
अनूपपुर। आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर अखबार की सुर्खियों में रहने वाले अमरकंटक ताप विद्युत गृह चढ़ाई में जानकार सूत्रों की माने तो शुक्रवार की दोपहर 3:30 बजे 210 मेगावाट इकाई से ऊर्जा का उत्पादन बंद हो गया सूचना मिलने के बाद आनन-खनन में जिम्मेदार पहुंचे अधिकारियों के द्वारा तकनीकी खराबी की पड़ताल शुरू की गई उसके बाद इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई फिलहाल शनिवार की शाम तक आई तकनीकी खराबी का सुधार नहीं हो पाया जिसके कारण ऊर्जा का उत्पादन बंद ही रहा। जानकार सूत्रों की माने तो क्लिंकर जाम हो गया जिसके यह कारण एक तेज धमाके की आवाज हुई और पाइप में फट गई जिसकी वजह से ऊर्जा का उत्पादन बंद हो गया बहरहाल वास्तविकता में क्या हुआ यह तो अमरकंटक ताप विद्युत गृह चढ़ाई के मुख्य अभियंता एम एल पटेल ही बता सकते हैं लेकिन उनके द्वारा यह बताना शायद मीडिया को उचित नहीं समझ गया।

45 दिनों पहले हुआ था मेंटेनेंस का कार्य

ताप विद्युत गृह से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 210 मेगावाट इकाई को वार्षिक रखरखाव मेंटेनेंस के लिए 29 जुलाई को बंद किया गया था जिसके 45 दिन बाद इकाई को हैंडओवर लेकर ऊर्जा का उत्पादन शुरू किया गया, यानी की 45 दोनों के चले मेंटेनेंस कार्य के बाद 45 दिन तक 210 मेगावाट इकाई से सतत ऊर्जा का उत्पादन निर्बाध रूप से नहीं लिया जा सका। मेंटेनेंस कार्य पूर्ण होने के बाद ऊर्जा उत्पादन के दौरान यह इकाई शुक्रवार 27 सितंबर की दोपहर तकरीबन 3:30 बजे तीसरी बार ट्रिप लेकिन इस बार मेजर फाल्ट होने के कारण उसमें उसे तात्कालिक नहीं सुधर जा सका, 210 मेगावाट इकाई से ऊर्जा का उत्पादन अब कितने दिन बाद प्रारंभ होगा यह जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं।

इन्होंने किया था मेंटेनेंस का कार्य
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की 210 मेगावाट इकाई के वार्षिक रखरखाव का कार्य ई टेंडर के माध्यम से के के आर बिरसिंहपुर व शशि कुमार एंड कम्पनी के द्वारा किया गया जिसमें
प्रेशर पार्ट वॉयलर ट्यूब और क्लीनिंग का काम केके पावर बिरसिंहपुर एवं नान प्रेशर पार्ट जिसमें डाक्ट,मील,कोल पाइप,कोल फीडर,नोजल, कोल नोजल का फैन,आईडी फैन,एपीएच,ई एसपी डाक्ट क्लीनिंग आदि के काम शशि कुमार एंड कंपनी के द्वारा किया गया। किसके कार्य में तकनीकी खराबी आई इसकी जानकारी विभागीय अधिकारी ही दे पाएंगे, लेकिन जानकारी सूत्र बताते हैं कि लगभग बीते वर्षों में शशि कुमार एंड कंपनी के द्वारा किए जाने वाले कार्यों के कारण पावर प्लांट ट्रिप होता रहा है जिसकी वजह से शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचता है। एसएमएस शशि कुमार एंड कंपनी के द्वारा किए गए कार्यों की सम्पूर्ण जांच आवश्यक है।
सवाल जो जिम्मेदारों से मांगते जवाब

फिलहाल अमरकंटक ताप विद्युत गृह के अधिकारी क्लिंकर जाम होने के कारण इकाई के ट्रिप होने की बात कह रहे हैं लेकिन तकनीकी जानकारों की समस्या या पड़े हैं कि जब साफ सुथरा कोयला सिटिंग से आता है तो फिर क्लिंकर कैसे बन गया,यदि बन रहा था तो इसके पहले संयंत्र पर्यवेक्षकों ने इसे क्यों नहीं देखा यदि समय रहते जान लिया गया होता तो आज ताप विद्युत गृह की 210 मेगावाट इकाई से ऊर्जा का उत्पादन नहीं होता और मध्य प्रदेश शासन को करोड़ों करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि नहीं होती इस पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच करते हुए दोषी जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए ताकि असमय इस प्रकार इकाई से ऊर्जा उत्पादन बंद होने से रोका जा सके।

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