हर गली हर चौराहे और थानों में जाता है तस्करी की राशि जो नहीं होती कार्यवाही
समाज जागरण
शहडोल
शहडोल जिले सहित अनूपपुर जिले में काफी लंबे समय से पशु तस्करी का कारोबार चरम सीमा पर है जबकि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार अवैध कारोबार सहित पशु तस्करों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई और सलाखों के पीछे भेजने का काम कर रही है लेकिन तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी और अखिल पटेल के स्थानांतरण के बाद मानो पशु तस्करों की दिवाली बन रही हो प्रतिदिन 8 से 10 भारी वाहनों में ठोस ठोस कर पशुओं को भरकर कानपुर के बूचड़खाने में भेजा जा रहा है वहीं अगर पिछली बात करें तो पूर्व में अमलाई थाना क्षेत्र के श्रीवास्तव मोड़ के पास एक बंद कमरे से पशु तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन गिरफ्तारी के बाद पशु तस्कर अपनी लोकेशन अलग-अलग कर कोतमा से और जैतहरी से अलग-अलग ठिकानों से पशुओं को एकत्र बूचड़खाने में भरोसा जा रहा है जिसके आवाज में सूत्र बताते हैं कि जहां कोतमा का पशु तस्कर बल्लू सफेद कुर्ता सफेद अंदाज में बड़े-बड़े नेताओं और समाज सेवाओं के साथ फोटो खींच कर खुद को सफेद बताने का प्रयास करता है तो वही एक 26 साल का लड़का जो कम समय में करोड़पति बनने का सपना देखते हुए पशु तस्करी के कारोबार में लिप्त होकर पशु तस्करी के कारोबार को अंजाम दे रहा है जिस्म जहां कोतमा का कुरैशी तो वही बुढार का परिहार खुलेआम अवैध कारोबार का संचालन कर रहे हैं लेकिन कार्यवाही मात्रा नाम की होती है वाहन चालकों को आरोपी बनाकर परिहार और कुरैशी को मैनेजमेंट के नाम पर छोड़ दिया जाता है अगर उनकी पूर्व की गाथा निकल जाए तो कभी एक बछड़ा लेकर दूसरों को बेचने वाला देखते ही देखते कोतमा क्षेत्र का नामी पशु तस्कर बन गया तो वहीं बुढार का एक कम उम्र का नाबालिक बच्चा पैसे की लालच में आज अवैध कारोबार पशु तस्करी जैसे कारोबार को अंजाम दे रहा है तो क्या बुढार के सफेद पहुंचने का समाजसेवी या पुलिस प्रशासन को बुढार के पशु तस्कर की जानकारी नहीं है या फिर जानकारी होने के बावजूद कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं।
कोतमा, फुंनगा बल्लू सोनू जैतहरी तो वही सेटिंग बाज मोहित बुढार सोहागपुर, गोहपारू के नाम की लेते हैं एंट्री
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुढार नगर का सेटिंग बाज मोहित जो कम समय में करोड़पति बनने का सपना देखते हुए अवैध कारोबार में लिप्त होता चला गया और आज देखते ही देखते छोटे से लेकर बड़े अवैध कारोबार के साथ-साथ पशु तस्कर के कारोबार को भी अंजाम दे रहा है जो फोन के माध्यम से हर थाने में एक पहरेदार तैयार कर सूचना लेता रहता है और महीने में सूचना के आवाज में एक मोटी रकम सूचना देने वाले सहित उनके मुखिया को देता है जिसकी जिम्मेदारी बुढार सोहागपुर गोहपारू की है तो वही कोतमा का बालू पशु तस्करी में बड़ा नाम बनाने वाला कोतमा और फुंनगा थाना के नाम पर जमकर एंट्री की वसूली करते हैं खुद तो करते ही हैं अन्य राज्यों से आकर पशु तस्करी के कार्यों को अंजाम देने वालों से भी मैनेजमेंट की बात करते हुए लाखों रुपए एंट्री के नाम पर लेकर पशु तस्करी की गाड़ियों को निकालने का भी काम कर रहे हैं तो इन सब कानों में जहां यह दोनों सर नाम है तो वहीं तीसरा सोनू जैतहरी के लापता में आकर काफी लंबे समय से अपना घर बनाया हुआ है जो छत्तीसगढ़ के रास्ते मवेशियों को पैदल लेकर जाकर लपटा से एक सुनिश्चित स्थान पर मवेशियों को एकत्र किया जाता है और फिर शाम ढलते ही मवेशियों को एक बंद गाड़ी में लोडकर कानपुर के लिए रवाना कर दिया जाता है बताया जाता है कि सुनिश्चित स्थान देने के नाम पर भी सोनू जमकर वसूली करता है और थाने में कुछ लोगों को सूचना देने के लिए सूचना के आवाज में एक मोटी रकम भी देता है इसी वजह से उनकी गाड़ी कभी दिए पर नहीं पड़ती अगर देखा जाए तो सारी मवेशियों की गाड़ी अनूपपुर जिले से होकर की ही निकलती है लेकिन कार्यवाही शहडोल जिला या फिर शहडोल जिले की सीमावर्ती थाने पर ही कार्रवाई होती है इससे तो यह साफ होता है कि कोतमा सहित जैतहरी थाना इन अवैध कारोबारी को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं जो थाना क्षेत्र में रहकर खुलेआम पशु तस्करी का कारोबार संचालन किया जा रहा है।