रामचरित मानस महज महाकाब्य नहीं जनमानस का सूत्रवाक्य है, बशर्ते ब्याख्या ब्यापक हो-अविनाशदेव देव

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समाज जागरण, बिनोद सिंह ब्यूरो चीफ सह प्रभारी पलामू प्रमंडल

मेदिनीनगर, पलामू (झारखंड) 29 मार्च 2023:- डाल्टेनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर प्रखण्ड अंतर्गत कोशियारा ग्राम में रामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ में शामिल हुआ। यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने फूलमाला अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर स्वागत किये। यज्ञशाला का परिक्रमा एवं रामदरबार का दर्शन किये। अयोध्या से आयीं मानस प्रवक्ता को आरती उतारे फूलमाला अंगवस्त्र देकर सम्मानित किए और आशीर्वाद लिए।

अल्पकालिक समय में अपनी बात को रखते हुए हमने कहा सात सौ सालों से भारतवर्ष के पावन भूमि पर रामचरित मानस का पवित्र पाठ हो रहा है इसके बावयुद बहस छिड़ा है। अगर रामचरित मानस को वाद से मुक्त कर दिया जाए और सच में आर्थिक लाभ से ऊपर हिमालय के गुफाओं में तपलीन ऋषियों के भांति निःस्वार्थ दिखावेपन से दूर जनमानस के लिए राम के चरित्र का वर्णन किया जाए तो रामचरित मानस महज महाकाब्य नहीं बल्कि जनमानस के सूत्रवाक्य हो जायेगा और सरहद पार भी इसकी महत्ता बढ़ जायेगी। हमे पुनर्विचार करना चाहिए ईसाई इस्लाम बौद्ध व अन्य विचार पूरी दुनिया मे क्यों प्रसारित हुआ। आज जरूरत है जाति धर्म सम्प्रदाय से ऊपर रामचरित मानस को ले जाने की तभी हम रामराज्य की परिकल्पना कर सकते हैं। तभी हम गंगा यमुना के धारा को निर्मल रख सकते हैं। जयसियाराम!!