स्थायी सुख, शांति,और समृद्धि के लिए बुजुर्गों का सम्मान जरूरी —–पूर्व मेयर सावित्री वार्ष्णेय

दैनिक समाज जागरण/पंकज राघव
संभल । जिस परिवार में बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता उस परिवार में सुख, संतुष्टि और स्वाभिमान नहीं आ सकता। हमारे बड़े बुज़ुर्ग हमारा स्वाभिमान हैं, हमारी धरोहर हैं। उन्हें सहेजने की जरूरत है। यदि हम परिवार में स्थायी सुख, शांति और समृध्दि चाहते हैं तो परिवार में बुजुर्गों का सम्मान करें। यह उदगार वार्ष्णेय सभा संभल द्वारा वार्ष्णेय समाज के प्रतिभावान छात्र छात्राओं, वृद्धजन एवं चारधाम द्वादश ज्योतिलिंग दर्शन पूर्ण करने वाले तीर्थयात्रियों सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि अलीगढ़ की पूर्व महापौर सावित्री वार्ष्णेय ने कही


सरायतरीन स्थित श्री वार्ष्णेय सभा संभल द्वारा बी.ड़ी.इंटर कॉलेज प्रतिभावान छात्र छात्राओं, वृद्धजन एवं चारधाम द्वादश ज्योतिलिंग दर्शन पूर्ण करने वाले तीर्थयात्रियों के सम्मान में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अलीगढ़ की पूर्व मेयर सावित्री वार्ष्णेय ने कहा कि शिक्षा मानव समाज के विकास और प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे समाज में विवेक, ज्ञान, समझ, और समर्पण की भावना को विकसित करती है। शिक्षा मानवीय सम्पदा को वृद्धि देती है और सभी क्षेत्रों में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। मानव विकास: शिक्षा मानव विकास की मूलभूत आवश्यकता है। अखिल भारतीय वैश्य बारहसैनी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि वार्ष्णेय समाज शिक्षा,उद्योग,के क्षेत्र में काफी उन्नति कर चुका है लेकिन शिक्षा के स्तर में अभी और विकास की जरूरत है मुंबई के कस्टम ऑफिसर अनिल वार्ष्णेय ने वार्ष्णेय सभा संभल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए निर्यात के क्षेत्र उपलब्धि हासिल करने वाले कमल कौशल वार्ष्णेय,विधि के क्षेत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्रपाल,चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ प्रशांत वार्ष्णेय, डॉ गौरव कुमार गुप्ता,समाजसेवा के क्षेत्र में दयानंद गुप्ता,गिरिराज किशोर को सम्मानित किया।
हाइस्कूल,एवं अन्य उच्च कक्षाओं 80 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले पारस वार्ष्णेय एडवोकेट,आयुषी,वंश,पर्व, स्पर्श,सार्थक, सूर्यांश,कोमल,कशिश,यश आर्य, वर्षा, शिखर वार्ष्णेय,राहुल वार्ष्णेय को सम्मानित किया गया
वृद्धजनों में 80 वर्ष से अधिक की आयु प्राप्त करने चंद्रपाल भट्ठे वाले,विमला देवी,रामावती,ओमवती, रामचंद्र,उर्मिला, राजेश्वरी,कुसुम आदि को सम्मानित किया गया
चारधाम,द्वादशज्योतिलिंग दर्शन पूर्ण करने तीर्थयात्री रमाशंकर वार्ष्णेय,देवेंद्र वार्ष्णेय एडवोकेट,सुशील वार्ष्णेय, पारस वार्ष्णेय,अंजू वार्ष्णेय, परमानन्द गुप्ता, धनेश्वरी वार्ष्णेय,ओमवती देवी,उमेश सर्राफ,सुधा रानी,निर्दोष आढ़ती,सरोज,विमला देवी,को भी सम्मानित किया गया इस अवसर पर अखिल भारतीय वैश्य बारहसैनी महा सभा के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश गुप्ता,दुर्गेश वार्ष्णेय, नवीन वार्ष्णेय,विनय वार्ष्णेय,कृष्ण कुमार गुप्ता,महावीर प्रसाद,त्रिभुवन सर्राफ,विष्णु आर्य,नितिन प्रकाश,सोनू गुप्ता एडवोकेट,सुमित श्याम,मनीष सर्राफ,नवरत्न सर्राफ,पुनीत सर्राफ,अनुज आर्य,विपिन सर्राफ,दीपक सर्राफ,शोभित वार्ष्णेय, संजय वार्ष्णेय,लव आर्य,कौशल वार्ष्णेय,विशाल आर्य,करुणा वार्ष्णेय,प्रभा आर्य, धनेश्वरी वार्ष्णेय,अंजू वार्ष्णेय,पायल वार्ष्णेय,रश्मि वार्ष्णेय ‘पवन’ शिखा वार्ष्णेय,सोनल आर्या,मोनिका वार्ष्णेय, प्रीति प्रतीक, शिल्पी वार्ष्णेय,आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया कार्यक्रम की अध्यक्षता जगत आर्य व संचालन देवेंद्र वार्ष्णेय एडवोकेट ने किया

23 वर्ष की उम्र में चार धाम, द्वादश ज्योतिलिंग दर्शन पूर्ण करने वाले पारस वार्ष्णेय एडवोकेट कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र बन गए अपना तीर्थयात्री के रूप में सम्मान प्राप्त करने वाले पारस वार्ष्णेय ने बताया कि उनके पिता देवेंद्र वार्ष्णेय एडवोकेट तीर्थ यात्रा करने,एवं प्रकृति को पास से अनुभव करने का काफी शौक है चूंकि मैं अध्ययन करने के साथ साथ पिता के साथ यात्रा पर जाता है इससे मुझे भी तीर्थयात्राये करने का अवसर प्राप्त हुआ

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