बी एन एम यू मधेपुरा के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के सफल संचालन हेतु समीक्षा बैठक संपन्न

बैठक में गठित सभी समितियों के संयोजकों एवं सचिवों ने अपना-अपना प्रतिवेदन किया प्रस्तुत

मधेपुरा/ डॉ.रूद्र किंकर वर्मा ।

आगामी तीन अगस्त को निर्धारित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के चतुर्थ दीक्षांत समारोह की तैयारियों की समीक्षा हेतु कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक बैठक आयोजित हुई।

बैठक में दीक्षांत समारोह के निमित्त गठित सभी समितियों के संयोजकों एवं सचिवों ने अपना-अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलपति ने सबों को यह निदेशित किया कि समारोह को यादगार एवं शानदार बनाया जाए और इसमें कोई कमी नहीं रहने दिया जाए।

निकलेगी शोभायात्रा

बैठक में बताया गया कि दीक्षांत समारोह की विद्वत शोभा यात्रा में राज्यपाल सह कुलाधिपति सहित अन्य गणमान्य अतिथि एवं प्रतिभागी विशेष दीक्षांत परिधान में शामिल होंगे। इसमें कुलसचिव, संकायाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, प्रति कुलपति एवं कुलपति राज्यपाल सह कुलाधिपति की अगुवानी करेंगे। अतिथियों एवं सभी प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय द्वारा पीला मालविया पगड़ी, लाल बॉडर वाला विश्वविद्यालय के मोनोग्राम अंकित पीला अंगवस्त्रम् उपलब्ध कराया जाएगा। छात्रों को खादी कपड़े में सफेद (उजला) कुर्ता एवं पजामा या उजली धोती एवं उजला कुर्ता स्वयं बनाना है। छात्राओं के लिए खादी सलवार (उजला) लेमन येलो कुर्ता या खादी की साड़ी लाल बॉडर के साथ, लाल ब्लॉज स्वयं बनवाना है।
साफ-सफाई एवं सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान

समारोह के निमित्त साफ- सफाई एवं सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और पूरे परिसर को दुल्हन की तरह सजाने की योजना है। विश्वविद्यालय अतिथिगृह सहित सभी प्रमुख भवनों के रंग-रोगन का कार्य जारी है। मुख्य द्वार पर लाइट लगाने का प्रस्ताव है। दीक्षा मंच पर मधुबनी पेंटिंग लगाने और मंच को खुशबूदार फूलों से सजाने का निर्णय लिया गया है।

दिया जाएगा गार्ड आफ आनर

राज्यपाल सह कुलाधिपति के सम्मान में स्वागत एवं सम्मान में जगह-जगह तोरणद्वार लगाया जाएगा। उन्हें हेलीपैड एवं विश्वविद्यालय परिसर में गार्ड आफ आनर दिया जाएगा। मंच पर कुलपति उन्हें अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित करेंगे।

मिलेगा स्वर्ण पदक

सभी विषयों के सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को स्वर्ण पदक दिया जाएगा। लेकिन यह पदक तभी दिया जाएगा, जब विद्यार्थियों को कम-से-कम साठ प्रतिशत अंक प्राप्त होगा। पूर्व में यह निर्णय लिया गया था कि जिस विषय में दस से कम विद्यार्थी होंगे, उस विषय में स्वर्ण पदक नहीं दिया जाएगा। पूर्व के इस निर्णय को बदलते हुए सभी विषयों में स्वर्ण पदक देने का निर्णय लिया गया। इससे संस्कृत, मैथिली, उर्दू, दर्शनशास्त्र आदि विषयों के विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। मालूम हो कि असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र ) डॉ. सुधांशु शेखर ने इस निर्णय को बदलने का अनुरोध किया था।
इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) पवन कुमार, कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजुम, कुलसचिव सह सदस्य-सचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर, डॉ. ललन प्रसाद अद्री, डॉ. एम. आई. रहमान, परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर. पी. राजेश, परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. गजेन्द्र कुमार, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डॉ. भूपेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अभय कुमार, शशिभूषण, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. मो. अबुल फजल, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, उपकुलसचिव (शै.) डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. विनोद कुमार यादव, पृथ्वीराज यदुवंशी, बिमल किशोर बिमल आदि उपस्थित थे।