समाज जागरण रंजीत तिवारी
वाराणसी।
पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की परेड ग्राउंड, ग्राम कोदोपुर की जमीन पर उनकी तीनों बेटियों, विष्णुप्रिया, हरिप्रिया और कृष्णप्रिया का नाम दर्ज करने में अब कोई कानूनी अड़चन नहीं है। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के न्यायिक सदस्य साहिब सिंह ने इस संबंध में फैसला सुनाते हुए एसडीएम और तहसीलदार के पूर्व आदेशों को निरस्त कर दिया। उन्होंने यह निर्देश दिया कि सदर तहसील के नायब तहसीलदार के न्यायालय में इस नामांतरण वाद को गुणदोष के आधार पर दो माह के भीतर निस्तारित किया जाए।
महाराजा की पुत्रियों विष्णुप्रिया, हरिप्रिया और कृष्णप्रिया ने इस मामले में अपने छोटे भाई अनंत नारायण सिंह के खिलाफ नायब तहसीलदार की अदालत में वाद दाखिल किया था। इनकी ओर से विधिक सलाहकार अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि काशी नरेश और उनकी पत्नी महारानी जयंती देवी के जीवनकाल में ही पारिवारिक समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुसार, ग्राम कोदोपुर की पूरी संपत्ति तीनों बहनों के नाम होनी थी और वे 16 जुलाई 1970 से इस संपत्ति पर काबिज हैं। हालांकि, संपत्ति के कागजात में इनका नाम दर्ज नहीं हुआ था। इसके बाद उनके भाई अनंत नारायण सिंह ने विरासत के आधार पर इस संपत्ति पर अपना नाम दर्ज करा लिया। महाराजा विभूति नारायण सिंह के निधन के बाद, आठ अगस्त 2001 की खतौनी में अनंत नारायण का नाम दर्ज हो गया, जिसके बाद तीनों बहनों ने इसे निरस्त करने की मांग की, ताकि उनके नाम पर संपत्ति दर्ज की जा सके।
हालांकि, नायब तहसीलदार और उप जिलाधिकारी के न्यायालय ने तीनों बहनों के दावे को पोषणीय नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद, बहनों ने 28 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद में निगरानी याचिका दाखिल की। इस याचिका पर सुनवाई के बाद परिषद ने सभी कानूनी अड़चनों को हटाते हुए नामांतरण प्रक्रिया को दो माह में निस्तारित करने का आदेश दिया।
काशीराज की संपत्ति का बंटवारा
महाराजा विभूति नारायण सिंह ने 16 जुलाई 1970 को अपनी संपत्ति को चार हिस्सों में विभाजित किया था। उन्होंने मद अ में अपनी भूमि जैसे रामनगर का फर्राशखाना और ग्रासफार्म, मद ब में महारानी के लिए बाग पटनवा और पटनवा ग्राम, मद स में अपने पुत्र अनंत नारायण के लिए खजुरी कोठी और अन्य संपत्ति, और मद द में अपनी तीनों पुत्रियों के लिए रामनगर का परेड ग्राउंड, जाल्हूपुर कोठी, भदोही में बैंक बिल्डिंग सहित अन्य संपत्तियां रखी थीं।