समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बुधवार को पालीगंज स्थित आर्य समाज पुस्तकालय में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का ऋषि बोध दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता आर्य समाज विकास एवं निगरानी समिति के अध्यक्ष शतीश चन्द्र एवम् संचालन समिति के सचिव डा. ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने किया। इस अवसर पर विशेष हवन यज्ञ के साथ स्वामी दयानंद सरस्वती को नमन करते हुए उनकी तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित किया गया। आर्य समाजियों को संबोधित करते हुए समिति के लेखा निरीक्षक महेन्द्र पासवान ने स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बचपन में वे किस प्रकार चूहे की कौतूहल से असहाय मूर्ति पूजा से विरक्त होकर ईश्वर की खोज में गृह त्याग किये। समिति के प्रधान राजेन्द्र प्रसाद ने रूढ़िवादी व्यवस्था के प्रति सजग किया साथ ही सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ से लोगों को परिचय कराया l समिति के उपाध्यक्ष विजय प्रसाद ने कहा कि स्वामी जी महान समाज सुधारक थे। उप सचिव विमल प्रकाश साहु ने कहा कि स्वामी जी आधुनिक भारत के महान चिन्तक, एवम् देशभक्त थे। उन्होंने मूर्ति पूजा, अंधविश्वास, पाखंड, छुआछूत, रूढ़िवाद, सती प्रथा, जातिवाद, बाल विवाह, धार्मिक कर्मकाण्ड जैसी अन्य कुरीतियों का जमकर विरोध किया। पुस्तकालय अध्यक्ष राज किशोर सिंह ने कहा कि स्वामी जी जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था के घोर विरोधी तथा कर्म आधारित व्यवस्था के पक्षधर थे। इन्हीं कारणों से स्वामी जी को भारत का मार्टिन लूथर भी कहा जाता है। उन्होंने देश में व्याप्त अन्धकार एवम् अशिक्छा को दूर करने के लिए 10अप्रैल 1875को बम्बई में आर्य समाज की स्थापना की। स्वामी जी द्वारा किए गए कार्य आज भी प्रासंगिक है तथा पूरे भारत वर्ष में इनका नाम पूरे आदर एवम् सम्मान से लिया जाता रहेगा। इस कार्यक्रम को सरोज खत्री, उत्तम कुमार, सुरेश पंडित, जितेन्द्र पासवान, सिकंदर ठाकुर, अमन कुमार, सुनील वर्मा सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। पुस्तकालय अध्यक्ष राज किशोर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।