गूँजी संत रविदास की वाणी, प्रभु जी तुम चंदन हम पानी……

विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर उच्च0 माध्य0 विद्यालय ओ पी एम अमलाई के द्वारा पोषक ग्रामों में सरस्वती शिक्षा परिषद एवं स्थानीय प्रबंधन समिति के निर्देशन में, ग्राम बकही में संस्था के वरिष्ठ आचार्य राम नारायण तिवारी एवं ग्राम बिछिया में आचार्य राम नरेश सिंह जी के कुशल मार्गदर्शन में संत रविदास जी की जयंती का पर्व उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत बकही के सरपंच माननीय तीरू सिंह जी एवम् ग्राम बिछिया में काली मंदिर के प्रधान पुरोहित पंडित रोहिणी प्रसाद तिवारी जी रहे ।ग्राम बकही के कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम शरण चौधरी जी पार्षद वार्ड कृ 3 नगर परिषद बकहो एवं ग्राम बिछिया की अध्यक्षता समिति के माननीय सह व्यवस्थापक श्री धर्मेंद्र जी दुबे द्वारा की गई ।विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्राम बकही के श्रीमान हरी लाल जी महरा एवं ग्राम बिछिया में श्री अनिल सिंह जी रहे ।संत रवि दास जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं पूजन अर्चन कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया गया । ग्राम बिछिया में समिति के सह व्यवस्थापक श्री धर्मेंद्र जी दुबे एवं प्राचार्य श्री मृगेंद्र श्रीवास्तव एवं ग्राम बकही में संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता प्रभु दयाल जी मिश्रा एवं श्री नारायण दास त्रिपाठी जी द्वारा संत रवि दास जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक समरसता एवं राष्ट्र उत्थान के साथ सरस्वती शिशु मंदिर के शैक्षिक वैशिष्ट्य की चर्चा करते हुए उपस्थित जन समुदाय से सरस्वती विद्यालय में अधिकाधिक प्रवेश कराने का आग्रह भी किया। संत रविदास द्वारा रचित भजन प्रभु जी तुम चंदन हम पानी की प्रस्तुति कर प्राचार्य जी ने वातावरण को आध्यात्ममय बना दिया ।आचार्य परिवार एवं भैया बहिनों द्वारा गीत एवं भजनों की प्रस्तुति दी गई एवं प्रश्नोत्तरी कर भैया बहिनों को पेन एवं पत्रिका द्वारा पुरस्कृत किया गया। ग्राम बकही में भैया अंकुश , अंकित , चन्द्र कांत एवं भारत महरा जी एवं ग्राम बिछिया में श्री दिनेश श्रीवास्तव ,श्री धनेश केवट ,श्रीमती शशि सिंह,सुश्री सुषमा केवट जी की उपस्थिति एवं सहयोग प्रशंसनीय रहा। ग्राम बकही एवं ग्राम बिछिया में संत ,पुरोहित , जन प्रतिनिधि ,ग्रामवासी , पूर्व छात्र , अध्ययनरत भैया बहिनों एवं ग्राम के अन्य भैया बहिनों को मिलकर कुल उपस्थिति लगभग 115 रही ।कल्याण मंत्र के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया। ज्ञातव्य है विद्या भारती द्वारा ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को सामाजिक सरोकारों से परिचित कराते हुए गौरवशाली अतीत के स्वाभिमान का भी परिचय कराया जाता है और उनमें नई प्रेरणा जगाई जाती है।

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