रेत माफिया प्रशासन को दे रहे चुनौती

जंगल वा राजस्व क्षेत्र से ट्रेक्टर से खुलेआम करते हैं रेत की चोरी
विजय तिवारी
उमरिया

मानपुर मुख्यालय में राजस्व सीमा कहें या जंगल सीमा क्षेत्र जहां रेत दिखी वहीं से रेत माफियाओं ने बेहिचक रेत का उठाव शुरू कर दिया जाता है। सूत्रों की माने तो इन्हे स्थानीय प्रशासन की खुली छूट मिलने के कारण दिन दहाड़े अवैध तरीके से भारी मात्रा में रेत का उत्खनन कर परिवहन करने में किसी भी प्रकार की परेसानी का सामना नहीं करना पड़ता नतीजन इन दिनो देखा जाए तो मानपुर से लगे आस पास के जंगल क्षेत्र वा राजस्व क्षेत्र के नदी नालों में रेत ही नही बची जहां रेत उठाव के गड्ढे साफ बयां कर रहे हैं की किस तरह रेत माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से रेत उठाव कार्य को अंजाम दिया गया है
रात भर रहते हैं रेत माफिया सक्रिय
सूत्रों की माने तो पहले दिन दहाड़े ही रेत का अवैध तरीके से उत्खनन कर परिवहन किया जाता रहा लेकिन इन दिनो प्रदेश में अचार संहिता लग जाने के कारण आधी रात से सुबह तक बेधड़क रेत का उत्खनन कर परिवहन कराया जाता है ऐसा नहीं है की सासन प्रशासन को इन स्थानीय रेत चोर कहे जाने वाले अपराधी प्रवत्ति के माफियाओं के द्वारा की जा रही रेत की तस्करी की जानकारी न हो बल्कि सब कुछ जानते हुए भी इन रेत माफियाओं को सासन प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा खुल कर सहयोग किया जाता है इतना ही नही उक्त रेत माफिया आधी रात से सक्रिय हो उठते हैं और ग्रुप बना कर सहर के तिराहा चौराहा में अपना डेरा जमाते हैं जिनके द्वारा पूरी रात शराब खोरी की जाती है और आने जाने वाले बाहरी मुसाफिरों के साथ मारपीट वा लूट पाट जेसी घटनाओं को अंजाम देना उनके लिए आम बात हो चली है जिन्हे प्रशासन का खुला संरक्षण मिलने के कारण पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत भी नही कर पाता और इसी के चलते इन रेत कारोबारियों द्वारा पूरी रात मानपुर में उत्पात मचाया जाता है।
जिले के संवेदन शील कलेक्टर व पुलिस अधिक्षक से जनापेक्षा है कि संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय रेत माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।