सत्ता विहीन माननीयो को देश नही  बल्कि कुर्सी प्यारी है!


भारत पिछले कई वर्षों से देश विरोधी पड़ोसी मुल्को कट्टरपंथी ताकतो के कायराना हमलो के साथ-साथ अपने ही देश के सत्ता से बाहर बैठे माननीयो की देश और समाज के प्रति मर्यादाहिन और विदेशो में भारत की छवि कलंकित करने जैसी बदजुबानी भाषाओं का सामना कर दुश्मनों को जवाब देता आ रहा है लेकिन उनके सामने घुटने नहीं टेके। जैसे पूर्व सरकारे टेकती रही है। यही एक बहुत बड़ा बदलाव आया है इस नये भारत में। जिसका श्रेय लोह पुरुष हिंदू हृदय सम्राट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को जाता है जिन्होंने बाहुबली चाईना जैसे मुल्क को खूड मे ला कर भारत की शक्ति का एहसास करा दिया बल्कि विश्व पटल पर भारत को नई पहचान के रूप में स्थापित किया जिसका लौहा पड़ोसी मुल्कों को भी हो गया है।  लेकिन अपने ही वतन के वह माननीय जो सत्ता की खातिर अपने ही वतन और सनातन धर्म का अपमान करने से बाज नहीं आ रहे हैं जबकि देश और विभिन्न प्रांतवासी इन सभी माननीय जयचंदों को अपने वोट की पर्ची से उनको उनकी औकात दिखाते आ रहे हैं लेकिन अपनी बद जुबानी बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं।
              पहले पाकिस्तानी कट्टरपंथी सरकारे पिछले 76 वर्षों से आतंकवादियों के माध्यम से जम्मू कश्मीर के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली मुंबई समेत अनेक प्रमुख महा नगरों में बम धमाको द्वारा बेगुनाहों का खून बहाकर दहशत फैलाती रही है उसका यह कायराना सिस्टम आज भी बदस्तुर जारी है। उधर भारत के रहमो करम की भीख मांग कर जवान हुआ बांग्लादेश भी पाकिस्तान के नक्शे कदम पर चलकर बांग्लादेश में हिंदुओं का सरेआम कत्लेआम बहू बेटियों की जबरिया गैंग रेप या इस्लाम कबूल करना मासूमों की बेरहमी के साथ कत्लेआम करना हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को ध्वज कर नामो निशान मिटाना बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार होने का प्रमाण दिया है जो मानवता और इंसानियत के खिलाफ जाता है लेकिन बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार ने यह सब करना अपना धर्म बना लिया है। समय-समय पर चीन भी भारत को बिच्छू की तरह डंक मारता रहता है लेकिन भारत सरकार पाकिस्तान बांग्लादेश चीन अन्य सभी मुल्कों को मुंह तोड़ जवाब देकर  भारत का लोहा मनवाती रही है। भारत की शक्ति का लोहा पूरा विश्व मान रहा है।
                लेकिन अपने ही वतन के राजनेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो कुर्सी पर बने रहने के लिए पश्चिम बंगाल में सनातन हिंदू समाज के लोगों और महिलाओं का उत्पीड़न शोषण ही नहीं बल्कि उनका कत्लेआम भी हो रहा है पश्चिम बंगाल के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने आरएसएस भाजपा समेत हिंदूवादी राजनेताओं को अपना शिकार बनाते हुए उन्हें मौत के घाट उतारा और ममता बनर्जी का यह खेल आज भी सरेआम खेला जा रहा है। और चुन चुन कर धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी प्रवक्ता वअन्य कांग्रेस जन सत्ता की कुर्सी हथियाने के लिए देश विदेश में तीखे कड़वे बोल ,बोल रहे और सनातन विरोधी बोलो से देश की फिजा मैं जहर घोलने का काम कर रहे हैं, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वहां के कट्टरपंथियों द्वारा भाजपा हराओ अलग-अलग कई फतवे जारी किए साथ ही 17 मांगो का बड़ा फरमान भी जारी किया जो राष्ट्र के हित में नहीं जिसे भाजपा हाई कमान ने ठुकरा दिया लेकिन कांग्रेस ने गले लगा लिया जो सत्ता की भुख को उजागर करता है।
             इसी कड़ी में समाजवादी के मुखिया अखिलेश यादव राम की नगरी अयोध्या में एक 13 वर्षीय दलित बच्ची के साथ खुलेआम अपनी हवस का शिकार बनाने वाले अखलाक नमक व्यक्ति को बचाने के लिए उसका डीएनए टेस्ट करने की मांग करता है तो वही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बांग्लादेश संभल और पाकिस्तान के पत्थर बाजों में कोई अंतर नहीं है उनका एक जैसा डीएनए है जिस पर अखिलेश यादव भड़क उठे और संभल मैं पुलिस पर पत्थर बाजो का डीएनए टेस्ट करले एक ही जैसा होगा मुख्यमंत्री योगी के इस बयान पर अखिलेश यादव भड़क उठे और उन्होंने संभल के पत्थर बाजों का खुल्लम खुल्ला पक्ष लेते हुए संभल के पत्थर बाजों का डीएनए टेस्ट नहीं करने की बात कही यादव परिवार ने हमेशा से ही अपने ही हिंदू धर्म का विरोध किया है और उनका पूरा परिवार आज भी हिंदू विरोधी बनकर सामने आया है उनके ही सगे संबंधित एवं सगे चाचा
शिवपाल यादव रामगोपाल यादव भी पीछे नहीं है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गैर भाजपा माननीयो सनातन और देश के लिए जहर भरे मर्यादाहिन बोल बोलने से देश विरोधी ताकतों को ताकत मिल रही है। आखिर इन नेताओं को हो क्या गया है जो अपने ही देश और अपने ही धर्म के लिए अपमानजनक भाषाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे भारत में ही नहीं विश्व पटेल पर भी भारत को अपमानित होना पड़ रहा है क्या यह नेता सनातन धर्म के नहीं है या इन्होंने सनातन धर्म को मनाना छोड़ दिया है जितना अपमान सनातन का हो रहा है उतना ही अपमान इन नेताओं का भी हो रहा है फिर भी इन नेताओं को जरा भी शर्म नहीं आ रही है और ना ही देश के सम्मान की चिंता कर रहे हैं उनके विरोधी सुर और भाषा को देखकर देश विरोधी ताकतो का मनोबल बढ़ रहा है। सत्ता से दूर बैठे इन माननीयो के मुंह से निकल रहे बोल अपने ही देश में गृह युद्ध की ओर ले जा रहे हैं। यह तो सत्य है कि सत्ता विरोधी राजनीतिक पार्टियों जितना सनातन धर्म के मानने वालों के खिलाफ और देश के अपमानजनक मर्यादा हिंद भाषा शैली का प्रयोग करेंगे उतना ही भाजपा मजबूत होगी और होती आ रही है जिसका प्रमाण 2014 से 2024 तक चाहे लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव सपा बसपा कांग्रेस व अन्य क्षेत्रीय दलों को भी धूल चाटती आ रही है।
               यदि बात करें त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू कश्मीर, दिल्ली उत्तर प्रदेश आदि प्रातो मैं बहुत बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रोहिंग्या बसे हैं जो लोकसभा विधानसभा निकाय चुनाव आदि को प्रभावित करते हैं और क्षेत्रीय दलों को ताकत देते आ रहे हैं। इतना ही नहीं उपरोक्त प्रदेशों में हिंदुओं की हत्या बलात्कार तथा सेना और पुलिस पर पत्थर फेंकना और लव जिहाद को बढ़ावा देना भारत और सनातन समाज को कमजोर करना है और अपने मकसद में किसी हद तक सफल भी हो रहे हैं लेकिन सत्ता से बाहर आतंकवाद अलगवाबाद और भारत विरोधियों की पीठ पर सवार होकर देश को कहां ले जाना चाहते हैं कहां नहीं यह तो पता नहीं लेकिन इतना जरूर है कि कट्टरपंथियों और आतंकवाद को बढ़ावा देकर देश के अमनो अमान से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिन्हें सनातन समाज और भारत माता कभी क्षमा नहीं करेगी। इन माननीयो को पाकिस्तान,, बांग्लादेश, ओर चीन की सरकारों और वहां के माननीयो से सीख देनी चाहिए उनके लिए पहले उनका राष्ट्र धर्म है और समाज है फिर कोई और है। यह पूछना चाहता हूं माननीय से जो सनातन समाज का खुला विरोध और दूसरे समुदाय की हिमायत ले रहे हैं अब उन्हें वर्तमान देश के जो हालात हैं और हो रहे हैं उस पर चिंता नहीं चिंतन करने के लिए आगे आना चाहिए आज की परिस्थितिया यही रास्ता दे रही है।


मनोज वाल्मीकि नगीना ।
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