पतरघट में शिव शंकर सिंह और पार्वती देवी की स्मृति में कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित
पतरघट ।
पतरघट प्रखंड के पस्तपार गांव में ठंड से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानाध्यापक शिव शंकर सिंह और समाजसेविका पार्वती देवी की स्मृति में आयोजित किया गया, जिसमें गांव के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बीच कंबल वितरित किए गए। इस अवसर पर समाजसेवी आलोक कुमार मंडल ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और कहा कि “पीड़ित मानवता की सेवा ही असली पूजा है।”
आलोक कुमार मंडल ने समारोह में बोलते हुए कहा कि समाज में हर व्यक्ति को अपने स्तर पर पीड़ितों और जरूरतमंदों की सहायता करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि ठंड के इस मौसम में कंबल वितरण जैसी पहल गरीबों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होती है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि गरीबी को दूर करने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक है। आलोक ने यह भी कहा कि शिक्षा के माध्यम से लोग अपनी कौशलता बढ़ा सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांगण रंगमंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार परमार ने की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में एकजुटता और सहानुभूति का संदेश देते हैं। डॉ. परमार ने समाजसेवी आलोक कुमार मंडल की सराहना की और उनके प्रयासों को समाज के लिए लाभकारी बताया।
पूर्व जिला पार्षद इंद्र भूषण सिंह इंदु ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शिव शंकर सिंह और पार्वती देवी के व्यक्तित्व और कार्यों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए जो कार्य किए, वह हमेशा प्रेरणादायक रहेंगे। उन्होंने कार्यक्रम आयोजकों की भी सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन से गरीबों को राहत मिलती है।
वयोवृद्ध समाजसेवी रघुनंदन यादव ने कहा कि डॉ. संजय परमार हमेशा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं और उनकी इस पहल के लिए उन्हें बधाई दी। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिनमें पैक्स अध्यक्ष उत्तम सिंह, महाकान्त यादव, सनातन यादव, शाश्वत परमार उर्फ ओम जी, चंदन सिंह, अरविंद सिंह, साक्षी सिंह, अनंत प्रताप, हर्षित, हरि शर्मा, पूर्व सरपंच कूलो देवी समेत कई प्रमुख व्यक्ति मौजूद थे।
कंबल वितरण कार्यक्रम के आयोजन से पतरघट के ग्रामीण इलाके में एक सकारात्मक संदेश गया और समाज के प्रति समर्पण की भावना को प्रोत्साहित किया। इस प्रकार के कार्यक्रम गरीबों की भलाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होते हैं और स्थानीय समुदाय में एकजुटता का माहौल उत्पन्न करते हैं।