*श्री विजय राघव ठाकुर बाड़ी मन्दिर नबीनगर : रक्षक ही बना भक्षक*


पुजारी द्वारा अवैध रूप से मंदिर की संपति अपने भाइयों मे बटवारा किए जाने के विरुद्ध की गई बैठक

दैनिक समाज जागरण अनील कुमार संवाददाता नबीनगर (औरंगाबाद)

नबीनगर (बिहार) 31 जुलाई 2023 औरंगाबाद जिले के नबीनगर शनिचर बाजार बाजार स्थित श्री विजय राघव ठाकुर बाड़ी (पुरानी ठाकुरबारी ) की भूमि एवं अन्य संपत्ति को मंदिर के पुजारी द्वारा अवैध रूप से अपने नाम कराने एवं अपने तीन भाइयों में उसकी बंटवारा किए जाने के विरुद्ध स्थानीय निवासियों द्वारा रविवार को शाम 7:00 बजे से ठाकुर बाड़ी मंदिर परिसर में एक बैठक बुलाई गई जो देर रात तक चली। बैठक की अध्यक्षता दिलीप कुमार सोनी एवम संचालन डॉ अशोक कुमार द्वारा किया गया।बैठक में उपस्थित लोगों के द्वारा पुजारी के कुकृत्य के प्रति काफी रोष व्यक्त किया गया।
बैठक मैं उपस्थित लोगों को विस्तार से बताते हुए डॉ अशोक कुमार ने बताया कि आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व पर्सन लाल अग्रवाल के द्वारा श्री विजय राघव जी मंदिर की स्थापना की गई थी आगे चलकर मंदिर के साथ और भी लोग धार्मिक विचारों से ओतप्रोत होकर जुड़ते चले गए ।कई श्रद्धालु मंदिर को अपनी संपत्ति से ठाकुर जी को भेंट स्वरूप दान कर किए। दानदाता के द्वारा दिए गए दान का विस्तार से बताया गया। डॉ अशोक कुमार ने बताया सारी जमीनों के मालिक ठाकुर जी को बनाते हुए धार्मिक न्यास बोर्ड में मंदिर का रजिस्ट्रेशन करा कर स्थानीय श्रद्धालुओं के द्वारा पंडित जनार्दन शर्मा वल्ड लक्ष्मी शर्मा को मैनेजर बना कर पुजारी का पूजा पाठ की जिम्मेवारी सौंपी गई ।जब जनार्दन शर्मा का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने लगा तो उन्होंने अपने विश्वास पात्र मथुरा तिवारी जी को मंदिर का बंधक बनाकर कार्यभार सौंपा। बाद में 1988 में उन्होंने अपने पुत्र सुदर्शन तिवारी को प्रबंधन बनाकर कार्यभार सौंपा। तत्कालीन विधायक महावीर प्रसाद अकेला ने जनार्दन तिवारी को पूजा पाठ की जिम्मेवारी सौंपी थी जिस पर सभी लोगों ने स्वीकार किया था बाद में सुदर्शन तिवारी के मृत्यु के उपरांत उनके बड़े पुत्र चंद्रशेखर तिवारी मंदिर के स्वयंभू पुजारी बन गए और मंदिर की सारी संपत्ति पर अपना एकाधिकार समझ बैठे और मंदिर की सारी संपत्ति अपने तीनो भाईयों चंद्र शेखर तिवारी ,बृजेंद्र तिवारी और देवेंद्र तिवारी आपस में बटवारा कर अंचल कार्यालय से राशिद कटवाने लगे।जब पुजारी के इस कुकृत्य और षडयंत्र का पता लोगो को चला तब लोग हतप्रभ रह गए। बैठक मे मंदिर की संपति को देख रेख करने और संरक्षा करने के लिए डॉ अशोक कुमार की अध्यक्षता मे एक कमिटी बनाई गई जिसके सचिव सुनील भारती,उपाध्यक्ष रामजीत शर्मा, कोषाध्यक्ष गट्टू जायसवाल, मीडिया प्रभारी रवीश अग्रवाल, सदस्य पुन्नू अग्रवाल, संजय सिंह, नरेश सिंह ,उज्जवल कसेरा आदि बनाए गए। बैठक में सर्वसम्मति से लोगों ने निर्णय लिया की मंदिर की संपत्ति से जो भी आए हैं वह अब कमिटी लेगी इस पर देवेंद्र तिवारी को कोई एतराज नहीं होगा।
बैठक मे उपस्थित चंद्रशेखर तिवारी के भाई देवेंद्र तिवारी लोगो को रोष को देखते हुए स्वीकार किया कि सारी जमीन और संपति ठाकुर जी का है इस पर उनका हक नही बनता l बल्कि सारे कृत्य चंद्रशेखर तिवारी का किया है देवेंद्र तिवारी ने बैठक में सभी लोगों के समक्ष शिकार किया की मंदिर की संपत्ति से जो भी आमदनी है किराया है वह कमिटी लेगी।
बैठक मे काराकाट क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, भाजपा की पूर्व प्रखंड अध्यक्ष उमेश कुमार सिंह नगर पंचायत नबीनगर के पूर्व अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद अग्रवाल, अनिल कुमार अग्रवाल, नगर पंचायत नबीनगर वार्ड 10 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि विकास कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मेहता, विनय सोनी, अजय अग्रवाल, अवधेश सोनी, अंगद साव, रिशू जायसवाल, महेंद्र सोनी,उमेश कुमार सिंह, गुड्डू अग्रवाल,नरेश चौधरी सन्तोष कुमार सोनी, अवधेश सोनी, मनीष अग्रवाल सहित दो सौ से अधिक लोगो ने भाग लिया।