श्रीमद्भागवत कथा की सरिता में गोता लगाते रहे ग्रामीण श्रद्धालु


नित्यानंद सिंह, समाज जागरण

बैरिया (बलिया) : तहसील क्षेत्र के मुरली छपरा ब्लॉक गांव इब्राहिमाबाद निवासी रमेश सिंह के दरवाज़े पर उनके बड़े भाई स्वर्गीय काशीनाथ सिंह के सातवीं पुण्यतिथि पर पर चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को काशी क्षेत्र से पधारे कथावाचक आचार्य अतुल कृष्ण शांण्डिल्य ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए।
सातवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया। सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास पीठाधीश्वर शास्त्री ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए। यह भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा से समझा जा सकता है। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे लेकिन द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब भी भक्तों पर विपदा आई है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। इब्राहिमाबाद में चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। अंत में भागवत भगवान की आरती की गई और लंगर में प्रसाद वितरण किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने शिरकत की। इस अवसर पर यज्ञ आचार्य पंडित राहुल उपाध्याय, आचार्य राजकिशोर मिश्रा, आचार्य पंडित इंद्रजीत चौबे, पंडित अभिषेक जी संगीतकार ओपी राज जी, कौशल्या देवी, पुत्र रामप्रताप सिंह, भानु प्रताप सिंह सहित गांव क्षेत्र के रासलीला मंडली की कृष्ण लीला के झांकियों को देख भक्त झूम उठे।