विश्वविद्यालय में नशा कारोबारी ने धारदार हथियार से छात्रा पर किया जानलेवा हमला

घायल छात्र ने सीनियर पर लगाए नशा कारोबारी होने के आरोप

इन्ट्रो:- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय इन दोनों नशा का केंद्र बनता चला जा रहा है। नशे में धुत सीनियर छात्र जूनियर छात्रों पर जानलेवा हमला कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में अवस्थाओं का आलम यह है कि हॉस्टल में भी छात्र सुरक्षित नहीं है। हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्र पर देर रात धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया गया जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित अमरकंटक थाने में की गई है।

अनूपपुर। अनूपपुर जिले के अमरकंटक में मौजूद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय इन दोनों अनैतिक गतिविधियों को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है। विश्वविद्यालय और हॉस्टल में चलने वाली गतिविधियां छात्र-छात्राओं के परिजनों के लिए चिंता का कारण बन रही है । हॉस्टलों में छात्र अब सुरक्षित नहीं है नशे के गिरफ्त में आ चुके छात्रों द्वारा हॉस्टल में लड़ाई झगड़ा मारपीट और जानलेवा हमले किए जा रहे हैं। ताजा मामला अमरकंटक विश्वविद्यालय के गुरु गोविंद हॉस्टल का है जहां विश्वविद्यालय में स्नातक कर रहे हैं आदित्य सिंह के ऊपर प्रतिमेश सिंह गहरवार द्वारा गुरुवार की देर रात धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया गया है। वहीं घायल छात्र आदित्य सिंह के द्वारा प्रथमेश सिंह के ऊपर नशे के कारोबारी होने के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय में नशे का सामान पहुंचना आम बात हो गई है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में प्रॉक्टर द्वारा हॉस्टल के कमरों से मादक पदार्थ जप्त किए गए थे। लेकिन कार्यवाही नहीं किए जाने से लोगों के हौसले बुलंद है।

हॉस्टल में भी छात्र नहीं सुरक्षित हुआ जानलेवा हमला

विश्वविद्यालय में गुरु गोविंद छात्रावास में गुरुवार की देर रात धारदार हथियार से हमला कर छात्रा के हाथ को चोटिल कर दिया गया, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो छात्रों को चोट आई है लेकिन एक छात्रा द्वारा ही मुख्यमंत्री और थाना प्रभारी को पत्र लिखकर उक्त घटना की सूचना दी गई है। विश्वविद्यालय में फैली हुई अव्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय में नशे का सामान पहुंचना ही अपने आप में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और सुरक्षा पर सवाल है। बॉयज हॉस्टल में लगातार मादक पदार्थों का पहुंचना छात्रों के लिए हानिकारक है इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय के रेपुटेशन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। प्रॉक्टर द्वारा बीच-बीच में भले ही छात्रावास का निरीक्षण किया जाता रहा हो लेकिन छात्रावास में परमानेंट छात्रावास में प्रॉक्टर ना होने के कारण नशे का पदार्थ हॉस्टल तक पहुंच रहा है जिससे छात्रों के पढ़ाई में व्यवधान और उनका भविष्य संकट में पड़ रहा है।

आखिर कैसे पहुंच रहा छात्रावास में नशे का सामान

प्रतिमेश सिंह गहरवार के ऊपर जूनियर छात्र द्वारा नशे के कारोबारी होने का आरोप लगाया गया है। सवाल यह उठता है कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में नशे का पदार्थ आखिर कैसे पहुंच रहा है यह आखिर प्रतिमेश सिंह द्वारा कैसे विश्वविद्यालय प्रशासन के आंख में धूल झोंकते हुए नशे का कारोबार संचालित किया जा रहा है। प्रॉक्टर के द्वारा पूर्व में पकड़ी गई नशे के सामग्रियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। आखिर प्रतिमेश सिंह जैसे कितने छात्र हैं जो विश्वविद्यालय को नशे की ओर धकेल रहे हैं। छात्रों के परिजन के लिए यह चिंता का विषय है कि विश्वविद्यालय के छात्र ही जूनियर छात्रों को नशे की ओर धकेलना के लिए विश्वविद्यालय में नशे का कारोबार कर रहे हैं और नशे की हालत में जूनियर छात्रों पर जानलेवा हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं। देखना यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उक्त मामले को संज्ञान में लेकर किसी प्रकार की कार्यवाही करती है या फिर शिकायतकर्ता के ऊपर दबाव बनाने का कार्य किया जाएगा।