ब्यूरो चीफ़/ दैनिक समाज जागरण।
सोनभद्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जीवनव्रती प्रचारक सूबेदार जी की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी पुस्तक “महाराजा हरि सिंह” जम्मू कश्मीर के महाराजा के जीवन और राष्ट्रीय योगदान पर आधारित है, जबकि “मनुस्मृति की अवधारणा” भारतीय संस्कृति के चिरंतन सत्य और समाज तथा धर्म की अवधारणा को पुष्ट करती है।
राष्ट्रवादी व्यक्तित्व थे महाराजा हरि सिंह
सूबेदार जी ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि महाराजा हरि सिंह राष्ट्रवादी व्यक्तित्व थे, जबकि जवाहरलाल नेहरू की कश्मीर विषयक नीतियों से उनकी टकराहट हुई थी। पुस्तक में दोनों की टकराहट की कथा है, जिससे नेहरू की कश्मीर विषयक असलियत का पता चलता है।
भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझने में सहायक
“मनुस्मृति की अवधारणा” पुस्तक भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझने में सहायक है। इसमें लिखा है कि भारतीयता की अभिव्यक्ति राजनीति के द्वारा न होकर उसकी संस्कृति के द्वारा ही होगी। तभी हम पुनः भारत को विश्व में प्रतिस्थापित कर पाएंगे।
जीने की राह दिखाती हैं पुस्तकें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह बृजेंद्र सिंह और विभाग के गो संवर्धन प्रमुख नंदलाल शुक्ल ने बताया कि सूबेदार जी की दोनों पुस्तकें एक आदमी को जीने की राह सुझाती प्रतीत होती हैं। ये पुस्तकें पाठकों को भारतीय संस्कृति और इतिहास को समझने में सहयोग प्रदान करेंगी।