अवादा फाउंडेशन द्वारा तीन दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण का सफल आयोजन

प्राथमिक शिक्षा में नवाचार हेतु “पाणिनी पद्धति” आधारित प्रशिक्षण

समाज जागरण रंजीत तिवारी
वाराणसी।।
अवादा फाउंडेशन ने प्राथमिक शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “पाणिनी पद्धति के माध्यम से सरल और प्रभावी शिक्षण” विषय पर तीन दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण सोनभद्र के न्यू प्रेम होटल में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण का शुभारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन अवादा फाउंडेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अजय शुक्ला द्वारा किया गया। प्रशिक्षण सत्रों का संचालन शिक्षण विशेषज्ञ श्रीमती रमा पोपली एवं चंद्रदीप पाण्डेय द्वारा कुशलता से किया गया।इस प्रशिक्षण में बासुहारी एवं चिचलिक विद्यालयों के शिक्षकगण, शिक्षाकर्मी, प्रशिक्षु शिक्षक, शिक्षा सहायक एवं अवादा टीम के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने सक्रिय सहभागिता की।

प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएँ

पाणिनी व्याकरण के सिद्धांतों को खेल, गीत, चित्र व बाल-केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से सरल व रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया।
अष्टाध्यायी की संरचना, स्वर-वर्णों की वैज्ञानिकता, उच्चारण सुधार, संधि व प्रत्यय की अवधारणाओं को बच्चों की समझ के अनुरूप सिखाया गया।
आइसक्रीम स्टिक, फ्लैशकार्ड, रंगीन बीज, शर्ट बटन आदि की सहायता से गणित और भाषा विषयक गतिविधियाँ कराई गईं।
शिक्षकों ने समूहों में पाठ योजनाएँ तैयार कीं और बाल-अनुकूल शिक्षण मॉडलों का प्रदर्शन किया।फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती ऋतू पटवारी ने कहा,
“पाणिनी पद्धति भारत की समृद्ध भाषिक विरासत है। हमारा प्रयास है कि इसे आज के बच्चों की जरूरतों के अनुरूप रोचक और प्रयोगधर्मी ढंग से प्रस्तुत किया जाए। जब शिक्षक स्वयं आनंद से पढ़ाते हैं, तो बच्चे भी स्वाभाविक रूप से सीखने में रुचि लेते हैं।”समापन एवं सम्मान
कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को राकेश दुबे द्वारा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन अवादा के उपप्रबंधक महेश कुमार माथुर ने किया।

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