आई बरखा बहार, करें धरती का श्रृंगारलेखक – राजकुमार बरूआ भोपाल

“दस कूप समा वापी,दस वापी समो हद:दस हद सम: पुत्रो, दस पुत्र समो दुम:” बारिश, बरखा…