समाज जागरण पटना जिला संवाददाता वेद प्रकाश
पटना/ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना के एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास परिसर से इस योजना का औपचारिक शुभारंभ किया और पिंक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह सेवा खास तौर पर महिलाओं और छात्राओं के लिए शुरू की गई है, जिससे उन्हें अब सस्ती, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा। पहले चरण में कुल 20 मिनी पिंक बसों को राज्य के विभिन्न शहरों में चलाया गया है। इनमें पटना में 8, मुजफ्फरपुर में 4 तथा गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया में 2-2 बसें शामिल हैं। वहीं, दूसरे चरण में 80 और पिंक बसों को सड़कों पर उतारे जाने की योजना है, जिससे सेवा का विस्तार राज्य के अन्य हिस्सों में भी किया जाएगा।इन पिंक बसों को खासतौर पर महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से बसों में पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग की सुविधा भी दी गई है। किराया भी आम जनता की जेब के अनुकूल रखा गया है, जो 6 रुपये से लेकर अधिकतम 25 रुपये तक होगा। राज्य की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने जानकारी दी कि यह सेवा महिलाओं को एक सुरक्षित, भरोसेमंद और आत्मनिर्भर यात्रा का माध्यम प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि इन बसों का संचालन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाए। यानी ड्राइवर और कंडक्टर दोनों महिलाएं होंगी। हालांकि, फिलहाल महिला चालकों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण पहले चरण में कुछ बसों का संचालन पुरुष चालकों द्वारा किया जा सकता है। भविष्य में जब महिला चालकों की नियुक्ति हो जाएगी, तब यह सेवा पूर्णतः महिला-संचालित रूप में कार्य करेगी। यह बसें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चलेंगी और प्रमुख शहरों के मुख्य मार्गों पर सिटी बस सेवा के रूप में कार्य करेंगी। इनमें केवल महिलाएं और छात्राएं ही सफर कर सकेंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बजट भाषण 2025 में इस सेवा की घोषणा की थी और अब यह योजना धरातल पर उतर चुकी है। सरकार की इस पहल को राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। इसके माध्यम से न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षित यात्रा की सुविधा मिलेगी, बल्कि वे अधिक आत्मनिर्भर बन सकेंगी।