समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ राजधानी पटना में मंगलवार को बीपीएससी टीआरई-3 के अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन उस वक्त हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। ये अभ्यर्थी सीएम हाउस के पास सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर जुटे थे। प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, जिसमें कई उम्मीदवार घायल हो गए। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बीपीएससी टीआरई-3 के तहत शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि उनके रिजल्ट जारी नहीं किए गए हैं, जबकि उन्होंने परीक्षा में शामिल होकर आवश्यक योग्यता पूरी की है। उम्मीदवारों का कहना है कि आयोग को सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करना चाहिए ताकि वे भी शिक्षक नियुक्ति की दौड़ में शामिल हो सकें। प्रदर्शन में शामिल दीपा सिंह, जो सीवान से आई थीं, ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश सरकार में छात्रों को केवल लाठी मिल रही है। उनका कहना था की हमलोग 4 महीने से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार न सुन रही है, न हमारी मांगों पर कोई निर्णय ले रही है। अब तो या तो रिजल्ट दे दीजिए या हमें फांसी दे दीजिए।
यह पहली बार नहीं है जब अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे पर विरोध जताया हो। 24 मार्च को भी शिक्षक अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। उस दौरान जब मंत्री मौके पर पहुंचे, तो उम्मीदवारों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया था और सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को मंत्री को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवाओं के साथ ऐसी बर्बरता नहीं होनी चाहिए थी। वहीं प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की और चेतावनी के बाद भी नहीं माने, जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।प्रदर्शनकारियों की मांगें अभी भी बनी हुई हैं। वे चाहते हैं कि बीपीएससी आयोग सप्लीमेंट्री रिजल्ट जल्द से जल्द जारी करे ताकि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो सके। वहीं सरकार और आयोग की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इससे अभ्यर्थियों में गुस्सा और निराशा दोनों गहराता जा रहा है। पटना में हुए इस लाठीचार्ज ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि युवाओं की मांगों को सुलझाने के बजाय उन पर बल प्रयोग क्यों किया जा रहा है। जहां एक ओर अभ्यर्थी अपनी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं सरकार की चुप्पी उन्हें और ज्यादा हताश कर रही है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है। विरोध प्रदर्शन के बाद, शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने घोषणा की थी कि वे बीपीएससी को 25 मार्च की शाम 5 बजे से पहले पत्र लिखकर मामले की समीक्षा का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा था कि सरकार को रिजल्ट जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है और अंतिम निर्णय बीपीएससी ही लेगा। हालांकि, 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई नोटिस जारी नहीं हुआ, जिससे नाराज अभ्यर्थियों ने फिर से सीएम हाउस पर प्रदर्शन किया। बीपीएससी ने 20 मार्च को साल 2025 की सभी भर्तियों का परीक्षा कैलेंडर जारी किया था, लेकिन इसमें टीआरई-4 परीक्षा का जिक्र नहीं है। हालांकि, दो दिन पहले बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने विधानसभा में कहा कि टीआरई-4 एग्जाम मई 2025 में आयोजित होगी। इसमें जो वैकेंसी बची है, वह चौथे चरण में ही जोड़ा जाएगा। इसके बावजूद कैलेंडर में शिक्षक भर्ती परीक्षा का कोई जिक्र नहीं है। इससे शिक्षक अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इससे पहले टीआरई-3 की प्रक्रिया भी काफी विलंब से पूरी हुई थी, जिससे अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।