टीएमयू में इन्नोवेशन को स्टार्टअप में बदलने के बताए तरीके



तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में  लीन स्टार्टअप और मिनिमम वाइएबल प्रोडक्ट्स पर अतिथि व्याख्यान, डीएनए- लैब सेंटर फॉर एप्लाइड साइंसेज, देहरादून के निदेशक डॉ. नरोतम शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में  लीन स्टार्टअप और मिनिमम वाइएबल प्रोडक्ट्स पर डीएनए- लैब सेंटर फॉर एप्लाइड साइंसेज, देहरादून के निदेशक डॉ. नरोतम शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि स्टार्टअप के चुनौतीपूर्ण परिदृश्य को नेविगेट करने के तरीकों पर अंतर्दृष्टि साझा की। मेडिकल लैब तकनीकों और स्टार्टअप विकास के क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. शर्मा ने न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद- एमवीपी अवधारणा के महत्व पर जोर दिया। डॉ. शर्मा बोले, एमवीपी अवधारणा स्टार्टअप को शुरुआती ग्राहकों की संतुष्टि का प्रतीक है। साथ ही यह पर्याप्त सुविधाओं के संग उत्पाद विकसित करने में मदद करता है। डॉ. शर्मा ने नए उद्यमियों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों और ग्राहकों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने प्रोडक्ट डवलपमेंट में चुनौतियों को दूर करने पर भी चर्चा की।

इससे पहले कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के प्राचार्य प्रो. नवनीत कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डॉ. नरोतम शर्मा ने उद्यमिता के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण, वास्तविक दुनिया के उदाहरणों से स्टुडेंट्स के नवीन विचारों को सफल व्यावसायिक उद्यमों में बदलने के टिप्स भी दिए। गेस्ट लेक्चर के दौरान इंटरैक्टिव प्रश्न-उत्तर सत्र भी चला। इस मौके पर मेडिकल लैब टेक्निक्स की एचओडी डॉ. रुचि कांत के संग-संग फोरेंसिक साइंस के एचओडी श्री रवि कुमार, ऑप्टोमेट्री के एचओडी श्री राकेश यादव, रेडियो और इमेजिंग टेक्निक्स के एचओडी श्री अमित बिष्ट, फैकल्टीज- श्री विनय पाठक, श्री बैजनाथ दास, श्री आकाश चौहान, श्री रोशन कुमार, मिस वर्षा राजपूत, मिस साक्षी बिष्ट, श्री सौरभ बिष्ट, मिस ममता वर्मा, मिस श्रेया ठकराल, श्रीमती अर्चना जैन एवम् फॉरेंसिक, एमएलटी, ऑप्टोमेट्री, आरआईटी के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।