उफ़्फ़: डाकघर के अंदर जाना मुश्किल, सड़क भी जाम, परेशान राहगीर

शहडोल l जिला मुख्यालय में आज फुटपाथ हो या सड़क सभी जगह राहगीरों के चलने लायक सड़क नहीं बच रही है सुबह चौड़ी सी दिखने वाली सड़क दोपहर से शाम तक सिकुड़ का चंद फिट की ही रह जाती है मानो नगरपालिका प्रशासन ने तो जिले में हर किसी को सड़क पर दुकान खोलने सड़क जाम करने का मानो लाइसेंस देकर रखा हुआ है हद तो तब है जब कलेक्टर निवास के ठीक सामने दुर्गा मंदिर एवं डाक घर जाने वाली रोड पर फुटकर दुकानदारों की धमा चौकड़ी राहगीरों की जान का खतरा बनकर खड़ी है और किसी अफसर को नजर नही आती है, यकीनन किसी बड़े हादसे के बाद यह सड़क राहगीरों के चलने लायक हो सकती है,  डाकघर में आने जाने वाले बुजुर्ग एवं महिला अपनी दोपहिया खड़ी नहीं कर पा रहे है नाही गेट के अंदर पैदल जा पा रहे है इस मामले में ना तो नगरपालिका प्रशासन की नजर पड़ रही है नाही संवेदनशील कलेक्टर की l तो लाजिमी है आदिवासियो, नजूल, शासकीय, वनभूमि के कब्ज़ा किये जाने की परम्परा का अब सड़क पर भी कब्जा जारी है l

            गौरतलब होकि सुव्यवस्थित नगर विकास के बिना नियोजन संभव नहीं है। संचालनालय भी कहता है नगर तथा ग्राम निवेश, नगर नियोजन के माध्यम से स्वच्छ एवं स्वस्थ्य पर्यावरणीय विकास तथा उपयुक्त अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है । लेकिन सिर्फ कागजो में l शहडोल जिले में बिना नक्शा पास कराए अवैध कॉलोनियां और निर्माणों पर विधिवत लम्बे समय से कार्यवाही नहीं हुई है, जिसके चलते सड़क सिकुड़ रही है राहगीर आये दिन हादसों का शिकार होते रहते है, सुस्त नगर निवेश (टीएनसीपी) में मानचित्र के स्वीकृत कराने के बाद भी उसके अनुसार निर्माण नहीं करने वालों पर जाने शिकंजा कब कसेगा। शहरी क्षेत्र में आवासीय निर्माण मनमाने ढंग से हो रहे हैं। व्यावसायिक निर्माण में पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी जा रही है। पार्किंग नहीं होने से वाहन सड़क पर खड़े किए जाते हैं और जाम का कारण बनते हैं।

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