महिला सरपंच की जाति पर ग्रामीणों की आपत्ति

उपसरपंच और ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिकायत

शहडोल। जिले की सोहागपुर जनपद के ग्राम पंचायत सारंगपुर में सरपंच की जाति को लेकर उपसरपंच और ग्रामीण लामबंद हो गए हैं और शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए हैं।

यह है शिकायत

ग्राम पंचायत सारंगपुर के निर्वाचित उपसरपंच पंच व ग्रामीण जनों ने शिकायत में लेख किया है कि मीना कोल वर्तमान में ग्राम पंचायत सारंगपुर की सरपंच हैं जिनकी मुख्य जाति कोल नहीं बल्कि यादव है जिनका पूरा नाम मीना यादव पिता श्री कृष्णा प्रसाद यादव है जो कि नगर पंचायत बकहो की मूल निवासी हैं सन 2016-17 में प्रेम विवाह करके अशोक कोल पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत सारंगपुर की पत्नी बनी है और अपना नाम मीना कोल लिखने लगी मीना यादव स्नातक तक पढ़ाई की है जिसमें कक्षा एक से लेकर स्नातक तक के सभी प्रमाण पत्रों व मार्कशीट एवं अन्य सभी दस्तावेजों में इनका नाम मीना यादव पिता कृष्णा प्रसाद यादव लेख है तथा आज भी इनके आधार कार्ड आईडी कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों में उनके पिता का नाम कृष्णा प्रसाद यादव दर्ज है जो सत्य एवं सही है व्यक्ति की जाती उसके जन्म से ही मानी जाती है ना की विवाह हो जाने से किसी की मूल जाति बदलता है सन 2022 में ग्राम पंचायत चुनाव हुए जनपद पंचायत सोहागपुर के सभी 77 ग्राम पंचायत में सरपंच पद पूर्व से ही आदिवासियों के लिए आरक्षित थे केवल महिला पुरुष सीट का आरक्षण होता है जिसमें हमारे ग्राम पंचायत सारंगपुर आदिवासी महिला सरपंच पद हेतु आरक्षण हुआ और पूर्व सरपंच अशोक कोल ने अपनी पत्नी मीना यादव के दस्तावेजों में हेरा फेरी कर फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर एवं झूठा शपथ पत्र देकर दोनों पति-पत्नी ने सरपंच पद हासिल कर लिया जिससे हमारे ग्राम पंचायत के मूल आदिवासी महिलाओं का हक मारा गया आदिवासियों के उत्थान और प्रगति के लिए सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया बनाई है जिसे आदिवासी समाज का विकास हो सके आदिवासी सरपंच होने पर आदिवासी समाज का विकास एवं उनके साथ न्याय हो सके किंतु पूर्व सरपंच अशोक कोल एवं वर्तमान सरपंच मीना यादव दोनों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज एवं झूठा शपथ पत्र देकर गैर कानूनी तरीके से आदिवासियों का अधिकार सुनने का काम किया है

Leave a Reply