विष्णुगढ़ प्रखंड में जल संकट तीन वर्ष बाद भी एक बूंद पानी  नसीब नहीं।

कुसुंभा में जल संकट ने दिया दस्तक खेत पोखर सूखने लगा ग्रामीण चिंतित।

*ग्रामीण, नाला – पोखर का पानी पीने को मजबूर मुखिया दुलारचंद पटेल*

राहुल कुमार गुप्ता, संवादाता विष्णुगढ़, दैनिक समाज जागरण।

*विष्णुगढ़*। कुसुंभा पंचायत में केंद्र सरकार द्वारा संचालित जल नल योजना घुल फांक रही है, पंचायत में लगभग तीस जल की टावर ओर टंकी लटकी पड़ी है जिसमें न बोरिंग हुआ है और न ही होम कलेक्शन। ग्रामीणों का माने तो जल नल योजना में काफी धांधली दिखाई दे रहा है,अधूरे कार्य कर लाखों करोड़ों डकार चुके कंपनी ।
मुखिया दुलारचंद पटेल ने कहा कि पंचायत के कुछ गांव जैसे अलखरी , डुमरडीहा, चोराढाब, काशीटांड, जमुआ और उखरबार के आदिवासी परिवार आज भी खेतों में बने डाढ़ी, पोखर का पानी पीने को मजबुर है । गर्मियों में तब मुश्किलें और बढ़ जाती है जब इन जल श्रोतों में मवेशि भी पानी पीने चले जाते हैं। शादी विवाह में हजारों खर्च कर दूसरे गाँव से पानी ले जाना पड़ रहा है। इस बात को जिला उपायुक्त को लिखित सूचना भी दिया हूं पर कोई लाभ नहीं हुआ। कुछ दिन पूर्व जल नल योजना के अधूरे कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु पीएमओ को मेल किया हूं , अगर समाधान नहीं हुआ तो होली पूर्व कार्य आरंभ नहीं होता है तो अब सड़कों पर उतर करेंगे आंदोलन ।  अलखरी के राजू बेसरा ने कहा कि सरकार अगर हम ग्रामीणों को पेय जल उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो बाकी की विकास कहां से हो सकता है। 
राजकिशोर महतो ने कहा विधायक और मंत्री इन जरूरी कार्यों के लिए सदन में आवाज उठाने के बजाय मुफ्त की रेवड़ी और फिजूल की बातों पर चीख चिल्ला रहे हैं।
समाजसेवी प्रदीप कुमार का कहना है कि इस विषय पर संबंधित विभाग  जल्द संज्ञान ले और अधूरे  कार्य को पूर्ण करे ताकि लोगों  को शुद्ध पेय मिल सके। ऐसे भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य का स्थिति काफी बदहाल है।
वार्ड सदस्य महेंद्र सिंह ने कहा जल नल योजना बहुत ही कारगर था पर गलत लोगो को कार्य दिया गया जिसका नतीजा सामने है । *सरकार इसपर पुनर्विचार करे और इस योजना को पंचायती राज के अधीन किया जाय तभी  शत प्रतिशत कार्य दिखेगा*

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