आम नहीं है गोरखनाथ मंदिर का प्रसाद, नेपाल से बनकर आती है खिचड़ी, 5 घंटे में पहुंचता है भारत

एक बार फिर गोरखनाथ में खिचड़ी के प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन बाबा गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए बेसब्र दिखी. 15 जनवरी को सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन मंदिर के बाहर लग गई थी. बाबा गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए लोग काफी उत्सुक भी रहे.

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंदिर में ही मौजूद थे. उन्होंने गुरु गोरखनाथ को ब्रह्म मुहूर्त में खिचड़ी चढ़ाई. भगवान को खिचड़ी का भोग लगाए जाने के बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुल गए. भगवान को खिचड़ी चढ़ाने के लिए गोरखपुर के आसपास के जिले से भी आए लोगों की भीड़ दिखी. लेकिन सबसे ज्यादा उत्साह लोगों में नेपाल से आने वाली खिचड़ी को लेकर दिखाई दिया. नेपाल से आने में इस प्रसाद को पांच घंटे से ज्यादा का समय लगता है.

प्रसिद्द है गोरखनाथ की खिचड़ी
खिचड़ी को लेकर जितना गोरखपुर के लोग उत्साहित होते हैं, उतना ही नेपाल के लोग भी उत्साहित रहते है. इस तरह भारत और नेपाल की कई पुरानी परंपरा और सभ्यता आज भी जिंदा है. जिसका एक प्रतीक खिचड़ी में दिखाई देता है. जब नेपाल के ‘गोरख’ जिले से लोग खिचड़ी लेकर गुरु गोरखनाथ को चढ़ाने आते हैं. गोरखनाथ में खिचड़ी चढ़ाने की पुरानी परंपरा है. नेपाल में एक ऐतिहासिक जिला है ‘गोरखा’, जहां गुरु गोरखनाथ की गुफा है. यहां से खिचड़ी गोरखनाथ में चढ़ने आती रही है. इस बार भी खिचड़ी को लेकर कृष्ण बहादुर और उनके साथी गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने आए थे.

बिहार से भी आए भक्त
गोरखपुर में 15 जनवरी की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गोरखनाथ में नजर आई. श्रद्धालु लंबी-लंबी लाइन लगाकर गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए काफी उत्साहित थे. गोरखपुर ही नहीं नेपाल और बिहार के लोग भी यहां खिचड़ी चढ़ाने के लिए उत्साहित रहते हैं. बता दें कि गोरखनाथ में पूरे 1 महीने लगने वाले खिचड़ी के इस मेले को लोग खूब इंजॉय करते हैं. इस बीच मिलने वाले तिल के लड्डू और लाई का प्रसाद बेहद खास होता है.