कई सालों से रह रहे लोगों के आशियानों पर मंडराया संकट-एसईसीएल ने थमाया नोटिस

उमरिया। जिले के नौरोजाबाद स्थित बाजारपुरा में वर्षों से रह रहे तकरीबन एक सैकड़ा लोगों के परिवारों के आशियानों पर उजड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। कोयला खदान प्रबंधन की ओर से जिन जमीनों पर लोगों के मकान एवं दुकान बने हैं, उन्हें नोटिस थमाए जा रहे हैं। उजड़ने के कगार पर खड़े लोगों ने अब बाजार बंद करने का ऐलान करते हुए सरकार से हस्तक्षेप की डिमांड की है।

उमरिया जिले के नौरोजाबाद स्थित बाजारपुरा में एक बड़ा सामाजिक संकट उत्पन्न हो गया है। यहां वर्षों से निवास कर रहे करीब 100 परिवारों को बेघर करने की साजिश की जा रही है। कॉलरी प्रबंधन का रवैया ब्रिटिश हुकूमत की तरह कठोर होता जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता और आक्रोश व्याप्त होता नजर आ रहा है।

प्रभावित लोगों की यह है पीड़ा
बाजारपुरा के निवासी पीढ़ियों से यहां बसे हुए हैं और उन्होंने अपने जीवन की सारी पूंजी इसी भूमि पर लगा दी है। उनके बच्चों की पढ़ाई,आजीविका, सामाजिक और व्यापार संबंध सभी इस इलाके से जुड़े हुए हैं। लेकिन अब कॉलरी प्रबंधन की नीतियों ने इन परिवारों के भविष्य को संकट में डाल दिया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉलरी प्रबंधन ने मनमाने तरीके से उन्हें घर खाली करने के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है और तकरीबन एक हफ्ता पुराने नोटिस जबरन हस्ताक्षर कराकर लोगों को थमाये जा रहे हैं, जबकि यह लोग वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं।

कॉलरी प्रबंधन की इस कार्रवाई से यह सवाल उठता है कि क्या सरकार और प्रशासन इस स्थिति से अनजान हैं, या फिर वे भी इस अन्यायपूर्ण निर्णय का मौन समर्थन कर रहे हैं? जबकि बाजारपुरा के कई निवासियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए अधिकार पत्र भी प्राप्त है

कॉलरी प्रबंधन की इस कठोर कार्रवाई के विरोध में स्थानीय लोगों ने अब अपना व्यापार बंद करने का निर्णय लिया है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और कानूनी लड़ाई लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

यहां के निवासियों का कहना यह भी है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं और इस मुद्दे को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने को तैयार है

उधर व्यापारी संघ नौरोजाबाद द्वारा मुख्यमंत्री के नौरोजाबाद आगमन पर उन्हें इस संबंध में पत्र दिया गया था और मुख्यमंत्री का पत्र थाना नौरोजाबाद को जांच करने के लिए भेजा गया था अब देखना यह होगा कि प्रदेश के मुखिया के पत्र को कॉलरी कितना संज्ञान में लेती है और बाजारपुरा के निवासियों को कब राहत मिलती है।

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