अपराधियों के आगे फीकी पड़ रही खाकी की चमक।*


*तमाम घटनाओं में शामिल अपराधी खुली हवा में ले रहे सांस,वारदात के बाद नाकामी की लकीर पीटने में जुटी पुलिस।*

*किठौर।* जनपद मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र में स्थानीय पुलिस की लचर व्यवस्था के चलते इन दिनों अपराध की बाढ़ सी आ गई है। थाना क्षेत्र में लगातार हो रही लूट, हत्या, दुष्कर्म, कुकर्म, खनन और चोरी की वारदात के साथ साथ अवैध हथियारों का शोक रखने वाले लोगों के कारण आमजन दहशत में जीने को मजबूर है। किठौर पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते अपराधियों की धरपकड़ तो दूर पुलिस अपराध नियंत्रण करने में भी पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। हालांकि पुलिस आंकडो में बाजीगरी कर खाकी अपना रिकार्ड सुधारने में लगी है। एक के बाद एक घटित हो रही आपराधिक वारदातों ने पुलिस की लचर कार्यशैली से भी पर्दा हटा दिया है। मजबूर लोग न्याय के लिए भटक रहे है। वही वारदात के बाद पुलिस नाकामी की लकीर पीटने में जुटी है। थाना क्षेत्र में अपराधी वारदात को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे है, लेकिन पुलिस आपराधिक वारदातों का पर्दाफाश करने में असफ़ल साबित हो रही है। इससे अपराधियों व बदमाशो का मनोबल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस की सुस्त कार्यशैली व आपराधिक घटनाओं का पर्दाफाश नही हो पाने से अपराधी बेलगाम होते जा रहे है जोकि थाना पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं । बीते एक डेढ़ माह में क्षेत्र में तेजी से बढ़ता क्राइम ग्राफ बताता है कि किठौर क्षेत्र में कानून का भय और खाकी का रौब दम तोड़ रहा है। बीती 14 जनवारी की शाम को किठौर के ग्राम माछरा निवासी अर्जुन सिंह की 6 साल की बच्ची लवी घर के बाहर खेलती हुई अचानक लापता हो गई थी। जो कि करीब 40 दिन बाद लवी का शव घर से कुछ दूरी पर एक बोरे में बन्द कचरे के ढेर में पड़ा मिला था। इस घटना का किठौर पुलिस आज तक खुलासा नही कर पाई। वही किठौर के ग्राम नंगली में करीब एक माह पूर्व आम ठेकेदार से रात्रि में बाग में बदमाशों ने मारपीट कर बाइक व कुछ नगदी लूट कर फरार हो गए थे। इस घटना का भी अभी तक खुलासा नही हो पाया है। जिसको लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है।

*पुलिस से उठ रहा आम जन का भरोसा*

वारदात के बाद पर्दाफाश नहीं होना भी आमजन के विश्वास को खूब डगमगा रहा है। इसके बाद भी खाकी सबक लेती नजर नहीं आ रही। अपराधों का ग्राफ रफ्ता रफ्ता बढ़ता जा रहा। अपराधी के निरंकुशता का आलम यह है कि वह दिनदहाड़े लूट व गोलीकांड जैसी घटना को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे। ऐसे में अपराधों के ग्राफ में गिरावट नहीं आ रही।

*मुखबिर तंत्र राम भरोसे*

पुलिस की अपनी करतूतों के चलते मुखबिर तंत्र भी राम भरोसे है। मुखबिरों का पुलिस से विश्वास खत्म होता जा रहा है। जिसके कारण न तो आपराधी घटनाएं रुक रही है और न ही अपराधियों की गिरफ्तारी की जा रही है। पुलिस मित्रों ने भी खाकी से किनारा कर लिया है। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कहीं पुलिस उन्हें ही किसी मामले में न उलझा दे।

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