बड़े व हैवी वाहनों से आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं से चिंतित जनपदवासी, जिम्मेदार मौन*

सोनभद्र ब्यूरो चीफ़ विजय कुमार अग्रहरी।
दैनिक समाज जागरण

सोनभद्र। जनपद में इन दिनों सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा रोजाना में बढ़ गया है। एक आंकड़ा लें तो बीते एक हफ्ते में जनपद में कुल 5 बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। आज पूर्वांचल में सबसे अधिक दुर्घटना संवेदनशील क्षेत्र जनपद सोनभद्र बन गया है जहां हर रोज़ सड़क दुर्घटना में कोई न कोई अपनी जान गंवाता है। बता दें कि जनपद सोनभद्र से होकर गुजरने वाली वाराणसी शक्तिनगर राज मार्ग बड़े वाहनों जैसे ट्रक, हाइवा, बल्कर व ट्रेलर इत्यादि के लगातार व अतिआवागमन के कारण किलर रोड बन गया है। यहां हालात कुछ ऐसे हैं की जनपद के अनपरा-बीना-शक्तिनगर क्षेत्र में कोयला के परिवहन हेतु बड़े व हैवी वाहनों की भीड़ लगी रहती है तो वहीं जनपद के डाला-बिल्ली क्षेत्र में गिट्टी (डोलोस्टन) के वैध व अवैध परिवहन हेतु हैवी वाहनों की अत्यधिक संख्या से बेहद भीड़ लग जाती है। जिनके कारण आए दिन घंटों चलने वाले जाम व अक्सर भीषण सड़क हादसे होते रहते हैं। स्थानीयों की माने तो अक्सर इन बड़े वाहनों के कारण मारकुंडी घाटी व डाला-बारी क्षेत्र में हजारों वाहनों का जाम लग जाता है। इन वाहनों में अवैध परिवहन कर रहे वाहन भी होते हैं जिनपर कार्यवाही करने हेतु जब अधिकारी तटस्थ होते हैं तो उन्हें इनके द्वारा लगाए गए जाम का सामना करना पड़ता है, जिससे आम जनता परेशान होती है। उस वक्त यदि एक एम्बुलेंस भी इमरजेंसी में गुजरना चाहे तो नहीं गुजर सकती। लोगों की माने तो अर्थव्यवस्था और व्यापार अपनी जगह है परंतु यदि इसी तरह सोनभद्र में बड़े व हैवी वाहनों का बेलगाम वैध व अवैध परिचालन होता रहा तो इससे सरकार को राजस्व की क्षति तो पहुंचेगी ही परन्तु आए दिन सोनभद्र के स्थानीय रहवासी व आदिवासी सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते रहेंगे। सड़क पर जितना जरूरी अधिकार बड़े वाहनों के चलने का है उतना ही अधिकार यहां के स्थानीयों व आदिवासियों को जिंदा रहने का भी है। इसलिए शासन को नीतिगत तरीके से सोनभद्र में आए दिन बड़े वाहनों के कारण बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को काबू करने हेतु निष्पक्ष व सफल प्रयास करने की आवश्यकता है और पूरे जनपद में अधिकारियों द्वारा ट्रैफिक पर काबू पाने हेतु समय सारणी तैयार करके जनपद के प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीयों व राहगीरों की सुरक्षा व यातायात की सहूलियत व सुगमता हेतु भीड़/त्यौहार/बाज़ार के वक्त नो इंट्री घोषित कर यातायात व बाज़ार दोनों को संतुलित करना अति आवश्यक है। जैसे-जैसे बड़े वाहनों की भीड़ किसी क्षेत्र में बढ़ती है वैसे ही प्रत्येक क्षेत्र में वहां के प्रशासन द्वारा नो इंट्री घोषित किया जाता है। इसे समयबद्ध करके जाम व दुर्घटना दोनों पर ही काबू किया जा सकता है। कुंभ मेले की भीड़ बढ़ने से जनपद सोनभद्र से होकर गुजरने वाले वाराणसी शक्तिनगर राजमार्ग पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड व बिहार आदि क्षेत्र के श्रद्धालु कुंभ से आते हुए या फिर कुंभ को जाते हुए सोनभद्र में भीषण सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं ऐसे में बड़े वाहनों के यातायात पर काबू पाना अत्यंत आवश्यक है। सोनभद्रवासी बड़े वाहनों से आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं से बेहद चिंतित हैं और हर वक्त लोगों को घर से बाहर गए अपने सगे संबंधियों के सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आ जाने की चिंता लगी रहती है।

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